शिवसेना में टूट से पहले उद्धव-राज का मेल-मिलाप चाहते थे शिंदे : राउत का दावा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 26-10-2025
Shinde wanted reconciliation between Uddhav and Raj before Shiv Sena split: Raut claims
Shinde wanted reconciliation between Uddhav and Raj before Shiv Sena split: Raut claims

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे, तब उन्होंने उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘‘रोकने’’ के लिए चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह कराने का आग्रह किया था।
 
शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने कहा कि शिंदे अब इस बात से नाखुश हैं कि ठाकरे चचेरे भाई एकसाथ आ गए हैं।
 
ऐसा प्रतीत होता है कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने मतभेदों को भुला दिया है और पिछले कुछ महीनों में वे सार्वजनिक रूप से एकसाथ नजर आए हैं तथा ऐसी चर्चा है कि वे राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए गठबंधन कर सकते हैं।
 
दोनों दलों के नेताओं के अनुसार, 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव से पहले दोनों दलों का एकसाथ आना अब महज औपचारिकता मात्र है।
 
राउत ने अपने साप्ताहिक स्तंभ में कहा, ‘‘शिंदे और (शिवसेना मंत्री) प्रताप सरनाईक ने मुझसे पहले भी कई बार राज और उद्धव ठाकरे को साथ लाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पर भगवा झंडा फहराने के लिए यह जरूरी है। भाजपा को रोकने के लिए दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ आना होगा।’’
 
उन्होंने कहा कि दोनों सही थे।
 
राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया कि सरनाईक और शिंदे, ‘मातोश्री’ (उद्धव ठाकरे के आवास) से अनुमति लिये बिना राज ठाकरे से मिलने गए थे।
 
उन्होंने शिंदे पर अपने स्वार्थ के लिए उद्धव ठाकरे को धोखा देने का आरोप लगाया।
 
राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘‘खत्म’’ करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि फडणवीस शिवसेना के प्रमुख नेता और उनके लोगों को अपने आस-पास भी नहीं देखना चाहते।
 
उन्होंने दावा किया कि चचेरे भाइयों के हाथ मिलाने के बाद शिंदे को झटका लगा है और मराठी एकता मजबूत हुई है।
 
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने बताया कि पार्टी चिह्न पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की तारीख नजदीक आते ही शिंदे के दिल्ली आने-जाने का सिलसिला बढ़ गया है।