कांकेर
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने रविवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली ‘पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन’ अभियान से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए आगे आए हैं।
इनमें से 18 नक्सलियों ने अपने हथियार भी जमा कराए हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब ज़ोनल ब्यूरो) की कुएमारी/किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े हुए थे। इनमें डिवीजन कमेटी के सचिव मुकेश सहित चार डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), नौ एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और आठ पार्टी सदस्य शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिला और आठ पुरुष नक्सली हैं। नक्सलियों द्वारा सौंपे गए हथियारों में तीन एके-47 राइफल, चार एसएलआर, दो इंसास, छह .303 राइफल, दो सिंगल शॉट राइफल और एक बीजीएल शामिल है।
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के पुनर्वास के लिए आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने इसे नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे जनसंपर्क और विश्वास बहाली अभियानों की बड़ी सफलता बताया।
हाल के महीनों में राज्य में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 17 अक्टूबर को जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था, जबकि 2 अक्टूबर को बीजापुर में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें से 49 पर 1.06 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है और नक्सलियों से हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी।