आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
एक कलाकार एक जुनूनी व्यक्ति होता है, जो हमेशा कुछ न कुछ करने के मूड में रहता है. वह कभी खाली नहीं बैठ सकता. परिस्थितियां कैसी भी हों, कलाकार जीवंतता के साथ काम करता रहता है.
आइए मिलते हैं ऐसे ही एक कलाकार से. कलाकार जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले का रहने वाला है.यह हैं शब्बीर अहमद नजर, जिन्होंने शोपियां शहर की नंगी दीवारों पर खूबसूरती से पेंटिंग कर लोगों का ध्यान खींचा है.
लोग शब्बीर अहमद नजर की पेंटिंग देखकर खुश हो जाते है. इनके प्रयास से शहर की सारी दीवारें सुंदर चित्रों से पट गई हैं.कोड-19 के चलते शहर में लॉकडाउन चल रहा था. जब शहर खुला तो जिला प्रशासन द्वारा कलाकार शब्बीर अहमद नजर को शहर की नंगी दीवारों पर पेंट करने का काम सौंपा गया, जिसे करने में वह लगे हुए हैं.
पिछले कुछ हफ्तों में उन्होंने दीवारें इतनी खूबसूरत कर दी हैं कि लोग फ्लेक्स और कंप्यूटर पेंटिंग को भूल गए हैं.अपने काम की बदौलत शब्बीर अहमद नजर को ‘द कलर प्लेयर‘ के नाम से जाना जाने लगा है. उनकी पेंटिंग एक अजीब एहसास पैदा करती हैं.
शब्बीर अहमद नजर 42 साल के हैं. उन्होंने अपनी बेदाग कलात्मकता की बदौलत शहर के लोगों का दिल जीता है.स्थानीय निवासी एजाज अहमद ने कहा कि शब्बीर अहमद नजर की पेंटिंग ने एक अजीब एहसास पैदा किया है. एक चुंबकीय अपील है उनकी तस्वीरों में. गौरतलब है कि शोपियां (एमसीएस) सौंदर्य प्रतियोगिता के तहत नजर नगर समिति अब तक शहर की एक दर्जन से अधिक दीवारों पर अपनी सुंदरता का प्रदर्शन करती रही है.
एक दुकानदार नासिर अमीन का कहना है कि उनकी पेंटिंग असल में आपको एक पल देखने पर मजबूर कर देती है.शब्बीर अहमद नजर डंगरपुरा पुलवामा के रहने वाले हैं. काम के सिलसिले में यहां शोपियां में रहता हैं. शब्बीर अहमद नजर ने 10वीं तक पढ़ाई की और उसके बाद ब्रश और पेंट से रहने लगे. एक सवाल के जवाब में शब्बीर अहमद नजर ने कहा कि वह पिछले कई सालों से जम्मू-कश्मीर में पेंटिंग का काम कर रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि कश्मीर घाटी के हर जिले में उनकी पेंटिंग देखी जाएगी. उन्होंने कहा कि वह थीम के अनुसार पेंट करते हैं, उदाहरण के लिए स्कूल और कॉलेज की पेंटिंग अलग है और ऑफिस और खेल का मैदान और साइन बोर्ड अलग-अलग बनाए गए हैं.
शब्बीर अहमद नजर कभी थ्रीडी फोटो बनाते हैं तो कभी धाराएं, जानवर और फूल बनाते हैं.शब्बीर अहमद नजर का काम कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है, जिससे उनकी आजीविका मुश्किल हो रही है.
शब्बीर अहमद ने कहा कि लोग कला को महत्व देते हैं, लेकिन कलाकार के जीवन पर ध्यान नहीं देते. इसलिए वह लगातार आर्थिक रूप से चिंतित हैं.