देश में सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश: आईएमडी

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 18-07-2025
The country has received 9 per cent more rainfall than normal: IMD
The country has received 9 per cent more rainfall than normal: IMD

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

भारत में इस मानसून ऋतु में अब तक सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, लेकिन यह पूरे देश में समान रूप से नहीं हुई है. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
 
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड, राजस्थान और लद्दाख जैसे कुछ राज्यों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश हुई है. आंकड़ों के मुताबिक, एक जून से 16 जुलाई के बीच देश में 331.9 मिमी बारिश हुई, जो इस अवधि की सामान्य वर्षा 304.2 मिमी से लगभग नौ प्रतिशत अधिक है, लेकिन यह औसत बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय विभिन्नता को इंगित नहीं करता.
 
आईएमडी के मुताबिक, झारखंड में सामान्य से 71 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, यहां सामान्यतः 348.9 मिमी बारिश होती है, जबकि यहां अबतक 595.8 मिमी बारिश हुई है. राजस्थान में भी सामान्य से 116 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. इस पश्चिमी राज्य में आमतौर पर इस अवधि में 125.6 मिमी बारिश होती है, जबकि यहां 271.9 मिमी बारिश हुई है.
 
आंकड़ों के मुताबिक लद्दाख में आमतौर पर बहुत कम बारिश होती है। यह गत डेढ़ महीने में 15.8 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्यतः आठ मिमी बारिश होती है। इस प्रकार केंद्र शासित प्रदेश में सामान्य से 97 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है. आईएमडी ने इन तीनों को ‘‘बहुत ज़्यादा’’ बारिश वाले क्षेत्रों की श्रेणी में रखा है.
 
पांच अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘अत्यधिक’ वर्षा दर्ज की गई. हरियाणा, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव में सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत तक अधिक बारिश हुई है.
 
उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में सामान्य 281.3 मिमी बारिश के मुकाबले 470.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 67 प्रतिशत अधिक है. गुजरात में 388 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 64 प्रतिशत अधिक है.
 
आईएमडी के मुताबिक कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सामान्य वर्षा हुई है, जिसका अभिप्राय है कि इन इलाकों में वर्षा सामान्य औसत से 19 प्रतिशत अधिक या कम रही। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, गोवा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, सिक्किम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं.
 
आईएमडी ने बताया कि इस वर्षा ऋतु में असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तराखंड, कर्नाटक (विशेष रूप से शिवमोगा के कुछ हिस्से), पश्चिम बंगाल, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने बाढ़ का सामना किया या कर रहे हैं.
 
आईएमडी द्वारा मई में जारी पूर्वानुमान में कहा गया था कि भारत में जून-सितंबर मानसून के मौसम में 87 सेंटीमीटर की दीर्घकालिक औसत (50 वर्ष का) वर्षा का 106 प्रतिशत होने की संभावना है। इस औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य’ माना जाता है.