आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस मूसा रजा, जो 1989-90 में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव (सीएस) थे, का चेन्नई में निधन हो गया.वह 87 वर्ष के थे.मूसा रज़ा अंततः साउथ इंडियन एजुकेशनल ट्रस्ट (SIET) के अध्यक्ष थे, जो छह शैक्षणिक संस्थान चलाता है.उनकी पुस्तक "ऑफ़ नवाब्स एंड नाइटिंगेल्स" भारतीय प्रशासनिक सेवा में उनके शुरुआती अनुभवों का एक संग्रह है.
2019 में प्रकाशित उनकी पुस्तक "कश्मीर: लैंड ऑफ रिग्रेट्स", रुबैया सईद के अपहरण से पहले के उथल-पुथल वाले वर्षों में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के रूप में उनके कार्यकाल का स्मरण है.उन्होंने रुबैया सईद के अपहरण और रिहाई को संभाला, बेशक केंद्र में वीपी सिंह सरकार के विरोधाभासी निर्देशों के बीच फंसे हुए थे, जिसमें रुबैया के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री थे, और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला थे.
रज़ा ने 2022 में "ऑफ जाइंट्स एंड विंडमिल्स" शीर्षक से अपना संस्मरण प्रकाशित किया, जो दक्षिण भारत के एक सुदूर गाँव से दक्षिण भारतीय शैक्षिक ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में उनकी अंतिम भूमिका तक की उनकी यात्रा का वर्णन करता है.उनके निधन पर बुद्धिजीवियों ने श्रद्धांजलि अलावा उन्हें जन्नतुल-फिरदौस में आला मुकाम देने के लिए अल्लाह ताला से विनती की गई.
उनके निधन पर आईआईसीसी के सभागार में शाम 4.00 बजे एक शोक भी सभा आयोजित किया जा रहा है. अबरार अहमद, आईआरएस एवंसचिव आईआईसीसी ने लोगों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है.