नई दिल्ली. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देशन में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में टेंटों में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के बीच कंबल, जैकेट, स्कूल बैग आदि वितरित किए गए. इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीम-उद-दीन कासमी के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू में पीड़ितों के तंबू का दौरा किया और उनके साथ सहानुभूति व्यक्त की.
जम्मू की असहनीय ठंड में खेत में तंबू में रहने वालों के बीच 500 कंबल, 350 जैकेट और स्कूल बैग के 150 बैग और विधवाओं के लिए अलग-अलग सामान का वितरण किया गया.
उनके बीच चलने वाले धार्मिक संस्थान किराए के टेंट में चलते हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल ने उलेमाओं के साथ अलग-अलग बैठकें कीं और मदरसों की जर्जर स्थिति को देखते हुए उनके किराए का भुगतान भी किया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल का अनुमान है कि यहां 1700 परिवार रहते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीम-उद-दीन कासमी ने भी मासूम बच्चों से बात की और जिम्मेदार व्यक्तियों से स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने वहां 27 समितियों के साथ विशेष बैठकें भी कीं. इस अवसर पर अपने बयान में उन्होंने कहा कि रोहिंग्या बहुत ही उत्पीड़ित लोग हैं, उनमें से बड़ी संख्या में हमारे देश में रहते हैं. जब तक वे इस देश में हैं, उनकी हर तरह से मदद करना हमारी धार्मिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी बन जाती है. हम इंसान हैं और बेघरों का समर्थन करना मानव स्वभाव है.
उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष हजरत मौलाना महमूद असद मदनी साहिब ने जमीयत के दोस्तों और अन्य लोगों से अपील की है कि वे धर्म के पीड़ितों और पीड़ितों की मदद को उनकी गतिविधियों का हिस्सा बनाएं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के आयोजक मौलाना गयूर अहमद कासमी, दिल्ली, कश्मीर के मौलाना अखलाक कासमी, मौलाना हमीदुल्ला मीर बांदीपोरा, मौलाना मुफ्ती इनायतुल्ला इमाम और जामिया मस्जिद जम्मू के खतीब भी शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर संगठन के इमामों के तारिक अध्यक्ष, मुफ्ती सईदुल्ला, मुफ्ती इजाजुल हसन बंदे, हाफिज मसिहुल्लाह, मास्टर अब्दुल कादिर किश्तवाड़ मौके पर मौजूद थे.