हिमाचल में तबाही: बाढ़ प्रभावित मंडी में लापता लोगों की तलाश जारी, मृतकों की संख्या 75 तक पहुंची

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-07-2025
Devastation in Himachal: Search for missing people continues in flood-affected Mandi, death toll reaches 75
Devastation in Himachal: Search for missing people continues in flood-affected Mandi, death toll reaches 75

 

मंडी (हिमाचल प्रदेश)

हिमाचल प्रदेश में मानसून की तबाही के बीच मंडी जिले में लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। राज्य में मृतकों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है। भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ ने पूरे पहाड़ी राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया है।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन क्षेत्र की भौगोलिक जटिलता राहत कार्यों में बड़ी बाधा बन रही है।

एएनआई से बात करते हुए, देवगन ने कहा,“थुनाग की मुख्य सड़क को आज मोटरेबल बना दिया गया है। वहां कुछ जरूरी सामान पहुंचाया गया है। खच्चरों की मदद से भी राहत सामग्री भेजी जा रही है। फिलहाल 31 लोग लापता हैं, जिनमें से किसी का अब तक पता नहीं चल सका है। राहत कार्यों में लगभग 250 एसडीआरएफ और एनडीआरएफ जवान तैनात हैं। पूरी प्रशासनिक टीम 24x7 काम कर रही है।”

उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास कार्य मानसून के तीन और महीनों तक जारी रहेंगे और इस दौरान चुनौतियां और बढ़ेंगी।“यह अभी मानसून की शुरुआत है। अगले तीन महीने और बारिश होगी। इस दौरान राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों को साथ-साथ चलाना हमारे लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि सरकार पूरी तरह से समर्थन दे रही है।”

एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार को पंचायती क्षेत्र जरोड़ के एक गांव का दौरा किया, जहां आपातकालीन सहायता प्रदान की गई। राहत सामग्री जैसे आवश्यक सामान और मेडिकल किट्स प्रभावित परिवारों को वितरित की गईं। कई ग्रामीणों की मौके पर ही चिकित्सकीय जांच की गई और जरूरी दवाएं दी गईं

स्थानीय निवासियों से बातचीत कर टीम ने राहत की ज़रूरतों को समझा और इस जानकारी को जिला प्रशासन को सौंपा ताकि समय पर और निरंतर सहायता मिल सके।

इस बीच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम भी थुनाग पहुंची है, जो हालिया बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मलबा हटाने, लापता लोगों की तलाश और विस्थापित परिवारों की मदद के कार्यों में लगी है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर राहत व बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंच सके।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 20 जून से 4 जुलाई 2025 के बीच 45 मौतें वर्षा जनित घटनाओं में और 30 मौतें दुर्घटनाओं (जैसे सड़क हादसे, करंट लगना, गैस विस्फोट) में हुईं। कुल 288 लोग घायल हुए हैं।

प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है, और अब तक 541.09 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।

हिमाचल की पहाड़ियों में आई इस तबाही ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है, और आगामी बारिश के महीनों में राहत कार्यों की रफ्तार ही लोगों की जिंदगी बचाने में सबसे अहम भूमिका निभाएगी।