उत्तर भारत में बारिश का कहर: हिमाचल व जम्मू-कश्मीर में 4 की मौत, जनजीवन अस्त-व्यस्त

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-09-2025
Rain wreaks havoc in North India: 4 dead in Himachal and Jammu and Kashmir, normal life disrupted
Rain wreaks havoc in North India: 4 dead in Himachal and Jammu and Kashmir, normal life disrupted

 

नई दिल्ली

उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश ने बुधवार को हालात और बिगाड़ दिए। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन और मकान ढहने की घटनाओं में चार लोगों की जान चली गई। वहीं कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज, ट्रेन, हवाई सेवाएं और यहां तक कि अंतिम संस्कार तक प्रभावित हुए।

पूर्वोत्तर में भी नया दबाव तंत्र बना है, जिसके कारण गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। उधर, ओडिशा लगातार तीसरे दिन मूसलाधार बारिश से जूझता रहा।

हिमाचल प्रदेश:

मंडी जिले के सुंदरनगर में भूस्खलन से चार और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या सात हो गई। कुल्लू में दो मकान गिरने से एक एनडीआरएफ जवान समेत दो लोग मलबे में दबकर लापता हो गए। शिमला के कुमारसेन क्षेत्र में एक निजी बस पर पत्थर गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 15 यात्री घायल हुए।

राज्य सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने सभी जिलों को राहत व बचाव कार्य तेज करने और ट्रैफिक प्रबंधन सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा प्रशासन को फंसे हुए मणिमहेश यात्रा तीर्थयात्रियों को तुरंत निकालने और वायुसेना की मदद से छह एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगाने का निर्देश दिया।

जम्मू-कश्मीर:

मूसलाधार बारिश से यहां भी तबाही मची। अखनूर क्षेत्र में एक गांव में पानी भरने से 40 लोग फंस गए। रियासी जिले में भूस्खलन से माता वैष्णो देवी यात्रा का मार्ग नौवें दिन भी बंद रहा। जम्मू-कटरा के बीच चलाई जा रही चार विशेष ट्रेन सेवाएं और दिल्ली से कटरा तक की ट्रेनों को भी भारी बारिश के कारण रोकना पड़ा।

छत्तीसगढ़:

बलरामपुर जिले में लुट्टी बांध का एक हिस्सा टूट जाने से चार लोगों की मौत हो गई और तीन लोग लापता हैं। अचानक आई बाढ़ ने घरों और खेतों को तबाह कर दिया।

दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बारिश होती रही। यमुना का जलस्तर 207 मीटर के ऊपर पहुंच गया, जो 1963 के बाद पांचवीं बार हुआ है। इससे हजारों लोग प्रभावित हुए और 2000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

मंगेशपुर नाले का बांध टूटा जिससे नजफगढ़ और झरोदा कलां क्षेत्र में पानी घुस गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बात कर तत्काल मरम्मत का आग्रह किया।

बाढ़ का पानी निगमबोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाट तक पहुंच गया, जिससे अंतिम संस्कार रोकने पड़े। निगमबोध घाट, जहां रोजाना 55 से 60 अंतिम संस्कार होते हैं, पूरी तरह जलमग्न हो गया।

पंजाब:

1988 के बाद राज्य सबसे भयंकर बाढ़ से गुजर रहा है। अब तक 30 मौतें हो चुकी हैं और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। रूपनगर और पटियाला जिले अलर्ट पर हैं। राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थान 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया।

हौसले की मिसाल भी देखने को मिली। होशियारपुर जिले के खानाौरा गांव में एक दूल्हा और बाराती ट्रैक्टर-ट्रॉली से पानी में लगभग डेढ़ किलोमीटर का सफर तय कर दुल्हन के गांव जालंधर पहुंचे। शादी के बाद दुल्हन भी उसी रास्ते से विदा हुई।

हरियाणा और चंडीगढ़:

अंबाला शहर पूरी तरह डूब गया। यहां उपायुक्त कार्यालय, पुलिस थाने और बाजार पानी में डूब गए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रणबीर गंगवा ने आपात बैठक कर ड्रेनेज और पीने के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए।

चंडीगढ़ प्रशासन ने भी सभी स्कूल 7 सितंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया।

राजस्थान:

जयपुर और कोटा में तेज बारिश से रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ। कोटा-मुंबई रेलमार्ग पर नौ ट्रेनें रोकनी पड़ीं, वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर आवागमन बंद हो गया।

बाढ़ अलर्ट:

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने चेतावनी दी है कि देश के 21 स्थानों पर नदियां "गंभीर बाढ़ स्थिति" में हैं, जबकि 33 अन्य जगहों पर जलस्तर सामान्य से ऊपर है। इनमें नौ बिहार, आठ उत्तर प्रदेश और एक-एक दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल व झारखंड में शामिल हैं।

भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।