कर्नाटक के मंदिर उत्सव में पढ़ी गई कुरान

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 14-04-2022
कर्नाटक के मंदिर उत्सव में पढ़ी गई कुरान
कर्नाटक के मंदिर उत्सव में पढ़ी गई कुरान

 

आवाज द वाॅयस /हसन

राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की घटनाओं पर जारी अशांति के बीच, कर्नाटक में भाजपा सरकार ने बुधवार को हसन जिले में हिंदुओं के एक वर्ग की आपत्तियों के बावजूद ऐतिहासिक हिंदू धार्मिक मेले के दौरान कुरान की आयतों को पढ़ने की सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखने की अनुमति दी.

हासन जिले के बेलूर में चन्नाकेशव मंदिर के ‘राथोत्सव‘ में भाग लेने वाले हजारों भक्तों ने इस कदम की सराहना की है.काजी सैयद साजिद पाशा ने हजारों हिंदू भक्तों की उपस्थिति में भगवान चन्नाकेशव के रथ के सामने कुरान की आयतें पढ़ीं. यह अनुष्ठान हिंदू-मुस्लिम एकता और सद्भाव का प्रतीक है.

पाशा ने कहा, ‘‘कुरान की आयतों को पढ़ने की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है. यह मेरे पूर्वजों से आई है. चाहे जो भी मतभेद हों, हिंदुओं और मुसलमानों को एक साथ रहना चाहिए और ईश्वर को सभी का भला करना चाहिए.‘‘

बेलूर मंदिर में ‘राथोत्सव‘ समारोह दो दिनों तक चलता है, जो राज्य की एक दुर्लभ घटना है. चन्नाकेशव की मूर्ति को मैसूर साम्राज्य के तत्कालीन राजाओं द्वारा उपहार में दिए गए सोने और हीरे के आभूषणों से अलंकृत किया गया है. इस मंदिर मेले के दौरान लाखों भक्त बेलूर में आते हैं.

इस बीच, राज्य में कई घटनाक्रमों के बाद इस साल रथ को स्थानांतरित करने से पहले हिंदू संगठनों ने कुरान के पाठ की सदियों पुरानी परंपरा पर आपत्ति जताई थी.मंदिर के प्रशासक ने प्रषासन को पत्र लिखकर अनुष्ठान की निरंतरता पर स्पष्टीकरण मांगा था, जो वर्षों से चल रहा है और हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है.

आयुक्त रोहिणी सिंधुरी ने अनुष्ठान जारी रखने को हरी झंडी दे दी.उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक अधिनियम, 2002की धारा 58के अनुसार मंदिर के रीति-रिवाजों और परंपराओं में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए.

उनके निर्देश के बाद, मंदिर समिति ने कुरान से आयों के पढ़ने की रस्म को आगे बढ़ाने का फैसला किया.