AMU में शैक्षणिक सत्र के साथ विभागों में बड़े स्तर पर फेरबदल, कई नए अध्यक्ष नियुक्त

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 15-07-2025
Major reshuffle in many departments with the academic session in AMU, many new chairpersons appointed
Major reshuffle in many departments with the academic session in AMU, many new chairpersons appointed

 

आवाज द वाॅयस /अलीगढ़

 

 

 

 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही कई विभागों में व्यापक बदलाव किए गए हैं. इसमें कुछ विभागाध्यक्ष बदले गए हैं तो कुछ प्रोफेसरों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं. खास बात यह रही कि इस फेरबदल में महिला प्रोफेसरों को भी अहम भूमिका दी गई है.

प्रो. सादिया सईद को जे.एन. मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 15 जुलाई 2025 से तीन वर्षों के लिए होगा. प्रो. सईद पिछले दो दशकों से विभाग से जुड़ी हैं और 2017 से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.

उनके पास 23 वर्षों का स्नातक और 13 वर्षों का स्नातकोत्तर शिक्षण अनुभव है. उनकी विशेषज्ञता मेडिको-लीगल इंजरी मूल्यांकन, फॉरेंसिक एथिक्स, वर्चुअल ऑटोप्सी और एंड-ऑफ-लाइफ केयर में है.

उन्होंने 2019 में जेएनएमसी में SAFE यूनिट (वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी. वे दो पुस्तकों की लेखिका हैं – Practical Forensic Medicine और SAFE Manual: Standard Operating Protocol, साथ ही उन्होंने कई प्रतिष्ठित जर्नल्स में शोध लेख भी प्रकाशित किए हैं.

प्रो. रईसुल्लाह खान को कृषि विज्ञान संकाय का डीन नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 14 जुलाई 2025 से 1 मई 2027 तक रहेगा, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि है. वे वर्तमान में प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के अध्यक्ष हैं और मृदा जनित फंगल रोगों पर विशेष अनुसंधान कार्य कर रहे हैं.

उनका फोकस दलहनी और तिलहनी फसलों की बीमारियों के इको-फ्रेंडली प्रबंधन पर है. इसके अतिरिक्त वे राइजोस्फेरिक माइक्रोऑर्गेनिज़्म्स और विशेष रूप से AM फंगी पर भी महत्वपूर्ण शोध कर चुके हैं.

प्रो. असमा अली को गणित विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 15 जुलाई 2025 से 16 मार्च 2028 तक होगा, जो उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि है. प्रो. असमा गणित में तीन दशकों से अधिक का शिक्षण और अनुसंधान अनुभव रखती हैं.

उनकी विशेषज्ञता एल्जेब्रा, विशेषकर रिंग थ्योरी, नियर रिंग्स और मॉड्यूल थ्योरी में है. उन्होंने 100 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित किए हैं और कई वैश्विक सम्मेलनों में भाग लिया है। उन्होंने स्प्रिंगर जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशकों के साथ संपादन कार्य भी किया है. वे डिप्टी डीन, स्टूडेंट वेलफेयर और बेगम सुल्तान जहाँ हॉल की प्रोवोस्ट भी रह चुकी हैं.

प्रो. मोहम्मद अकराम को समाजशास्त्र विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 15 जुलाई 2025 से तीन वर्षों का होगा. वे 2015 से विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और उनके पास 23 वर्षों का शिक्षण और शोध अनुभव है.

उनकी विशेषज्ञता हेल्थ सोशियोलॉजी, सोशल पॉलिसी, एजुकेशन और रिसर्च मेथडोलॉजी में है. उन्होंने 30 से अधिक शोध पत्र, 9 पुस्तक अध्याय और 6 पुस्तकें प्रकाशित की हैं. उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार आमंत्रित किया गया है. वे यूजीसी-एसएपी परियोजनाओं के डिप्टी कोऑर्डिनेटर भी रह चुके हैं.

प्रो. अबरार अहमद खान को वनस्पति विज्ञान विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. उनका कार्यकाल 15 जुलाई 2025 से शुरू होकर 29 अक्टूबर 2027 तक रहेगा. प्रो. खान के पास 36 वर्षों का शोध और 26 वर्षों का शिक्षण अनुभव है.

वे पौधों के नेमाटोड और वायु प्रदूषण पर विशेषज्ञता रखते हैं. वे एएमयू से एम.एससी., एम.फिल. और पीएच.डी. कर चुके हैं और नाइजीरिया के उमरू मूसा यर'अदुआ विश्वविद्यालय में बायोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं.

उन्होंने 180 से अधिक शोध कार्य प्रकाशित किए हैं, जिनमें 76 अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में अमेरिका, यूके, इटली, मिस्र, नाइजीरिया और फिनलैंड जैसे देशों में प्रकाशित हुए हैं.

इन बदलावों से विश्वविद्यालय में एक नई शैक्षणिक ऊर्जा का संचार हुआ है और प्रोफेसरों की अनुभवशीलता व विशेषज्ञता से विभागों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.