आवाज द वाॅयस / श्रीनगर
जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कृषि विभाग ने रामनगर तहसील के इंचा गांव में लगभग पांच लाख लैवेंडर के मदर प्लांट की सफलतापूर्वक खेती की है. यह उधमपुर में लैवेंडर की खेती की पहली पहल है, क्योंकि इस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी की संरचना इस सुगंधित पौधे के लिए उपयुक्त मानी गई है.
इस पहल के तहत, विभाग ने लैवेंडर के मदर प्लांट की देखभाल के लिए इंचा गांव में लगभग 100 कनाल भूमि का उपयोग किया है. इन पौधों को जल्द ही स्थानीय किसानों में वितरित किया जाएगा, जिससे उन्हें दोहरा लाभ होगा.उनकी आय में वृद्धि और बंदरों के आतंक से राहत. इस क्षेत्र में बंदरों की बड़ी आबादी है, जो अक्सर मक्का जैसी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं.
लैवेंडर की खेती उधमपुर के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकती है, क्योंकि यह पारंपरिक फसलों का एक आकर्षक विकल्प है. लैवेंडर उत्पादों की बाजार में उच्च मांग के साथ, किसान इस नए उद्यम से अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके अलावा, लैवेंडर की खुशबू कीटों को दूर करने में भी मदद करती है, जिससे इसकी अपील और बढ़ जाती है.
इंचा गांव की स्थानीय अंजू देवी ने कहा, "हमने पहले सीमित खेती के बारे में बहुत सुना था. अब, लैवेंडर की खेती से हमें बेहतर आय की उम्मीद है और यह जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान के प्रति भी कम संवेदनशील है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के डॉ. जितेंद्र सिंह की महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल के तहत, लैवेंडर की खेती महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगी. अंजू देवी ने कहा कि पहले उनके गांव में केवल मक्का की खेती होती थी, जो बंदरों द्वारा नष्ट कर दी जाती थी. लैवेंडर की खेती अब एक बेहतर विकल्प साबित हो रही है.
रामनगर के उप मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) रफीक अहमद जराल ने बताया कि लैवेंडर की खेती का महत्व बहुत अधिक है और कई क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त हैं. उन्होंने कहा कि एक नर्सरी स्थापित की गई है जहां पांच लाख लैवेंडर के पौधे तैयार किए गए हैं.
अगले एक-दो महीनों में ये पौधे किसानों को वितरित किए जाएंगे, जिससे वे अपने खेतों में इन्हें लगा सकें और अपनी आय बढ़ा सकें.सलोनी राय (आईएएस), उपायुक्त उधमपुर ने बताया कि भारत सरकार की 'बैंगनी क्रांति' पहल के तहत उधमपुर जिले में लैवेंडर के पौधे लगाए जा रहे हैं.
इस साल 5 लाख और पौधे लगाने की योजना है, जिससे किसानों को लाभ होगा और उनकी आय में तेजी से वृद्धि होगी.