आवाज द वाॅयस /सहारनपुर
उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक संस्था दारुल उलूम के अधीक्षक मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राजधानी जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दौरान शोभ यात्रा के बाद मस्जिद में भगवा झंडा फहराने और उसके बाद हुई हिंसा को लेकर बयान दिया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
वायरल हो रहे ऑडियो में मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी मुसलमानों को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपने पापों से पश्चाताप करना चाहिए. अपने जीवन में इस्लामी शिक्षाओं को लागू करें. देश के लोगों और पड़ोसियों के सामने इस्लाम की सच्ची तस्वीर पेश करें. इससे उनके मन की गंदगी साफ हो जाएगी.
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही इस मसले पर राजनीतिक रहनुमाओं द्वारा चुप्पी साध लेने पर गुस्से का इजहार किया है.
ऐसे में वह वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि छत पर चढ़कर तकबीर के नारे लगाने से मुसलमानों को कुछ नहीं होगा. इसके बजाय, हमें अब संघर्ष करना होगा.
वायरल ऑडियो में दारुल उलूम देवबंद के अधीक्षक मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने मुसलमानों से कायरता का रास्ता छोड़कर स्थिति का समझदारी से सामना करने को कहा है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ऑडियो जारी करते हुए कहा कि जान-माल में आग लगे तो छत पर सिर्फ तकबीर चिल्लाएं नहीं. इसके बजाय, अपनी पूरी ताकत से स्थिति का सामना करें.
मौत सम्मान के साथ आए
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि अगर कोई हमारे जीवन, संपत्ति, सम्मान और सम्मान पर हमला करता है, तो अल्लाह द्वारा दी गई ताकत से लड़ो. मृत्यु सम्मान के साथ आई, क्योंकि एक दिन मृत्यु आएगी. विश्वासियों के सम्मान में यह नहीं है कि वे अपने दिलों में कायरता और कमजोरी को दूसरों के हवाले कर दें. मौलाना नोमानी ने देश के मौजूदा हालात पर राजनीतिक नेताओं की चुप्पी पर भी गहरी चिंता जताई है.
गौरतलब है कि रमजान के पवित्र और पवित्र महीने के दौरान दारुल उलूम देवबंद के नाजिम-ए-अला बनारस में अपने हुजरे में हैं. वहीं से उन्होंने यह बयान दिया. हालांकि आवाज द वाॅयस इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
मौलाना ने दी सफाई
इस बीच कासिम नोमानी ने एक बयान जारी कर सफाई दी है कि उनके बयान को गलत तरीके से मीडिया में पेश किया जा रहा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘देष के मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने मुसलमानों को व्यवहार में बदलाव लाने के सुझाव दिए हैं.
उन्होंने गैर-मुस्लिमों एवं पड़ोसियसें से रिष्ते सुधारने पर बल दिया . मेल-मिलाप से षांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा मिलेगा. कहा, देश में शांति और भाईचारा को उन्होंने हमेशा तरजीह दी है. दरअसल, नुमानी को सफाई इस लिए देनी पड़ी कि मीडिया के एक वर्ग में उनके बयान को विवादास्पद तरीके से चलाया जा रहा है.