बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे प्रशांत किशोर, बोले – जन सुराज को मजबूत करना ही प्राथमिकता

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 15-10-2025
Prashant Kishor will not contest the Bihar Assembly elections, saying his priority is to strengthen public governance.
Prashant Kishor will not contest the Bihar Assembly elections, saying his priority is to strengthen public governance.

 

पटना,

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को घोषणा की कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है।पीटीआई को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने यह भी कहा कि अगर जन सुराज पार्टी को 150 सीटों से कम मिलती हैं तो वह इसे अपनी हार मानेंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर जन सुराज बिहार चुनाव जीतती है तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा असर पड़ेगा। तब राजनीति की दिशा बदल जाएगी।”बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

उन्होंने कहा, “पार्टी ने तय किया है कि मैं चुनाव न लड़ूं। इसलिए राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ पार्टी ने किसी और उम्मीदवार को टिकट दिया है। यदि मैं चुनाव लड़ता, तो पार्टी संगठन के लिए जो जरूरी कार्य हैं, उनसे मेरा ध्यान भटक जाता। यह फैसला पार्टी के बड़े हित को ध्यान में रखकर लिया गया है।”

प्रशांत किशोर, जिन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं के सफल चुनाव अभियानों की रणनीति बनाई थी, के इस फैसले पर विरोधियों ने प्रतिक्रिया दी।राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पीटीआई से कहा, “किशोर को यह अहसास हो गया है कि उन्हें और उनकी पार्टी को इस चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने मैदान में उतरने से पहले ही हार मान ली।”

जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी को कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है, तो 48 वर्षीय किशोर ने कहा, “मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि या तो हम शानदार जीत दर्ज करेंगे या करारी हार। मैंने पहले भी कहा है कि या तो हमें 10 से कम सीटें मिलेंगी या 150 से ज्यादा। बीच में कुछ भी संभव नहीं।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर हमें 120 या 130 सीटें भी मिलती हैं, तो भी मैं इसे अपनी हार मानूंगा। अगर हमें पूर्ण जनादेश मिलता है, तो हम बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल कर सकते हैं। अगर नहीं मिला, तो इसका मतलब होगा कि जनता ने हम पर पूरा भरोसा नहीं जताया, और फिर हमें 'समाज और सड़क की राजनीति' जारी रखनी होगी।”

इस विस्तृत साक्षात्कार में किशोर ने यह भी दावा किया कि बिहार में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन की हार तय है क्योंकि बीजेपी गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और उम्मीदवारों को लेकर अब तक स्पष्टता नहीं है।

किशोर, जो कभी नीतीश कुमार की जदयू में भी शामिल रहे थे, ने कहा, “एनडीए की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। जेडीयू की हालत तो और भी खराब है। उन्हें शायद 25 सीटें भी नहीं मिलेंगी।”

उन्होंने कहा, “आपको चुनाव विश्लेषक होने की जरूरत नहीं है यह समझने के लिए कि जदयू का क्या हाल होने वाला है। पिछली बार चिराग पासवान ने ऐन वक्त पर बगावत करके नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी उतार दिए थे, जिससे जदयू की सीटें घटकर 43 रह गई थीं।”

किशोर ने दावा किया कि एनडीए में पूरी तरह से भ्रम की स्थिति है – किस सीट पर बीजेपी लड़ेगी और किस पर जदयू, अभी तक तय नहीं है।उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन में भी स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं है। राजद और कांग्रेस के बीच लगातार खींचतान जारी है और किसी को नहीं पता कि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी अभी भी उनके साथ है या नहीं।

किशोर ने यह भी ऐलान किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो एक महीने के भीतर राज्य के "100 सबसे भ्रष्ट राजनेताओं और नौकरशाहों" के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनकी अवैध संपत्तियां जब्त की जाएंगी।

उन्होंने एनडीए सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि "भले ही बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार की छवि राजद जैसी नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार तो व्यापक है।"प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य को माफिया मुक्त करने का संकल्प लिया है – चाहे वह ज़मीन माफिया हो, बालू माफिया हो या कोई और।

उन्होंने कहा, “हमने छह वादे किए हैं, जिनमें फर्जी शराबबंदी कानून को खत्म करना भी शामिल है।”जब लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ में चार्जशीट दाखिल होने की चर्चा हुई, तो किशोर ने कहा, “ये कोई खबर नहीं है। सब जानते हैं कि वे क्या हैं। यह केस तो पहले से गंदे कपड़े पर एक और दाग जैसा है।”

किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन उन्होंने यह दावा किया कि “राज्य की 60 प्रतिशत जनता बदलाव चाहती है, और अब उनके पास एक विकल्प है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा, “इन दोनों नेताओं का बिहार चुनाव से कोई सीधा जुड़ाव नहीं है। वे कभी-कभी बिहार आते हैं और एक-दूसरे पर आरोप लगाकर चले जाते हैं, क्योंकि उन्हें उस दर्द का एहसास नहीं है, जो हम झेल रहे हैं।”