पाकिस्तान को पीएम का दो टूक जवाब, कहा - भारत का पानी भारत में ही बहेगा

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 06-05-2025
PM's blunt reply to Pakistan, said - India's water will flow in India only
PM's blunt reply to Pakistan, said - India's water will flow in India only

 

अर्सला खान/नई दिल्ली 

PM Modi Speech Today: पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना दो टूक कहा, 'पहले भारत के हक का पानी बाहर बहता था, अब भारत के हक का पानी भारत में बहेगा.'
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ‘भारत का पानी भारत में ही बहेगा, भारत में ही काम आएगा’. एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत के सिंधु जल समझौते ठंडे बस्ते मेंका जिक्र किया. उन्होंने डालने  चुटकी लेते हुए कहा, ‘आजकल मीडिया में पानी की बड़ी चर्चा है…’ इसपर वहां तालियां बजने लगीं तो पीएम ने कहा- सब समझ गए! इसके बाद मोदी ने खुले मंच से ऐलान किया, ‘पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था. अब भारत का पानी भारत के हक में बहेगा. भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा.’
 
क्या बोले पीएम मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी ने ABP न्यूज़ के 'इंडिया @ 2047 समिट' में कहा, "मुझे ये बताते हुए खुशी है कि इंडिया-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट अब फाइनल हो चुका है। विश्व की दो बड़ी और ओपन मार्केट इकोनॉमी के बीच ये समझौता दोनों देशों के विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इससे भारत में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी. भारतीय व्यवसायों और MSMEs के लिए नए अवसरों के रास्ते खुलेंगे."
 
PM मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देशहित में फैसला लेने से नहीं डरती. उन्होंने हा कि एक समय था जब कोई बड़ा कदम उठाने से पहले यह सोचा जाता था कि दुनिया क्या सोचेगी. पीएम ने कहा, ‘…वोट मिलेगा या नहीं मिलेगा, कुर्सी बचेगी या नहीं, कई स्वार्थों के कारण बड़े फैसले टलते जा रहे थे. कोई भी देश ऐसे आगे नहीं बढ़ सकता है.’ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना से फैसले करती है. पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो दशकों से लटके हुए थे. वे राजनीति इच्छाशक्ति की वजह से डिब्बों में बंद हो गए थे.’
 
बैंकिंग सेक्टर में आए बदलाव 

पीएम ने बैंकिंग सेक्टर में आए बदलाव पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘बैंकिंग सेक्टर इकॉनमी की रीढ़ है. पहले ऐसी कोई समिट नहीं होती थी जो बैंकों के घाटे की बात के बिना पूरी हो. बैंक 2014 से पहले बर्बाद होने की कगार पर थे, लेकिन आज भारत का बैंकिंग सेक्टर दुनिया के सबसे मजबूत सेक्टर में से एक है.’