बोल, सुन और देख नहीं पाने वाली 34 वर्षीय महिला ने उत्तीर्ण की 12वीं की परीक्षा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-05-2025
34 year old woman who is unable to speak, hear and see passed 12th class exam
34 year old woman who is unable to speak, hear and see passed 12th class exam

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
इंदौर की गुरदीप कौर वासु बोल, सुन और देख नहीं सकतीं, लेकिन 34 साल की इस महिला ने अपने हौसले और पढ़ाई के प्रति जुनून के बूते 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करके इतिहास लिख दिया है.
 
राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल के मंगलवार को घोषित नतीजों के अनुसार गुरदीप ने इस परीक्षा में 400 में से 207 अंक हासिल किए हैं और वह द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई हैं.अधिकारियों ने बताया कि सूबे के शैक्षिक इतिहास में अपनी तरह की पहली छात्रा ने 12वीं में अंग्रेजी, भूगोल, राजनीति विज्ञान और "ड्राइंग एंड डिजाइनिंग" विषयों की परीक्षा दी थी. उन्होंने बताया कि गुरदीप की विशेष स्थिति को देखते हुए उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियमों के मुताबिक परीक्षा के दौरान सहायक लेखक मुहैया कराया गया था.
 
शहर में दिव्यांगों के हित में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था "आनंद सर्विस सोसायटी" पढ़ाई में गुरदीप की पिछले कई सालों से मदद कर रही है.संस्था की निदेशक और सांकेतिक भाषा की जानकार मोनिका पुरोहित ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि गुरदीप किसी व्यक्ति के हाथों और उंगलियों को दबाकर उससे संकेतों की भाषा में संवाद करती हैं. मोनिका ने बताया,‘‘हमें भी गुरदीप तक अपनी बात पहुंचाने के लिए इसी सांकेतिक भाषा में उनके हाथों और अंगुलियों को दबाना होता है. उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा में गुरदीप को पढ़ाने के लिए देहरादून से ब्रेल लिपि वाली खास किताबें मंगवाई गई थीं.
 
मोनिका ने बताया,‘‘गुरदीप की उपलब्धि में खास बात यह भी है कि 12वीं की परीक्षा के दौरान जिस महिला लेखक ने उत्तरपुस्तिका में जवाब लिखने में गुरदीप की मदद की, वह खुद मूक-बधिर थी.तमाम शारीरिक बाधाओं को पीछे छोड़ते हुए 12वीं उत्तीर्ण करने वाली गुरदीप के परिवार में जश्न का माहौल है.
 
परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद गुरदीप की छोटी बहन हरप्रीत ने अपनी बड़ी बहन से संकेतों की भाषा में बात की, तो 34 वर्षीय महिला ने कहा कि वह पढ़ाई के सिलसिले को कायम रखते हुए महाविद्यालय में दाखिला लेना चाहती हैं और कंप्यूटर चलाना भी सीखना चाहती हैं. हरप्रीत ने बताया कि गुरदीप अपनी पढ़ाई के साथ ही दिव्यांग कोटा के तहत चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए सरकारी नौकरी की तलाश कर रही हैं. उन्होंने बताया,"हमारा परिवार भी चाहता है कि गुरदीप को सरकारी नौकरी मिल जाए ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके.