पर्सनल लाॅ बोर्ड का आहवानः दहेज और शादी में फजूलखर्ची से खुद बचें, दूसरों को बचाएं
मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
दहेज के कारण अहमदाबाद की आयशा के खुदकुशी करने के बाद से देश के तमाम मुस्लिम अदारे इस सामाजिक बुराई के विरूद्ध गोलबंद हो गए हैं. इस क्रम में मुहिम चलाते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने मुसलमानों से दहेज और शादी में फजूलखर्ची से बचने का आहवान किया है.
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद राबे हसन नदवी ने कहा-‘‘निकाह को सादा और आसान बनाएं.’’उन्होंने एक के बाद एक कई ट्विट में देश के मुसलमानों को इस सामाजिक बुराई से बचने की सलाह दी है. उन्होंने अपने ट्विट में लिखा-‘निकाह को सादा और आसान बनाना बहुत जरूरी है.’
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद की आयशा के पिता दर्जी का काम करते हैं. 2018 में उन्होंने अपनी हैसियत से कहीं अधिक दहेज देकर लड़की आयशा की शादी राजस्थान के एक लड़के से की थी. मगर लड़की की ससुराल वाले उसपर और दहेज लाने का दबवा बना कर उसे प्रताड़ित करते थे.
एक आरोप यह भी है कि आयशा का शौहर उसके साथ न केवल मार-पीट करता था, उसके किसी अन्य लड़की से भी संबंध थे. बहरहाल, ऐसी घरेलू हिंसा को देखते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के सदर ने एक अन्य ट्विट में पत्नियों को प्रताड़ित न करने की नसीहत दी है. उन्होंने कहा-‘बीवियों से अच्छा बर्तावक करें. इस्लामी तालीम को अपनाकर कामयाब और सुरखुरू बनें.’
बता दंे कि औरतों को प्रताड़ित करने को लेकर कुरान में सख्त हिदायतें हैं. इसके अलावा भारतीय कानून के अनुसार भी दहेज लेना-देना और महिलाओं को प्रताड़ित करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है. एक आंकड़े के अनुसार, देश में औसतन 40 लड़कियों की प्रतिदिन दहेज के कारण मौत हो रही है. इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी लोकसभा में चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत कर चुकी हैं.