नई दिल्ली
नवी मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने "ऑपरेशन डीप मैनिफेस्ट" के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,115 मीट्रिक टन पाकिस्तानी माल जब्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मामले में एक आयातक कंपनी के साझेदार को गिरफ्तार किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि ये माल पाकिस्तान से दुबई होते हुए भारत भेजा गया था, जो सरकार द्वारा लगाए गए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन है।
जांच एजेंसी को यह जानकारी मिली थी कि कुछ आयातक पाकिस्तानी वस्तुओं को गलफत में डालकर अन्य देशों के माध्यम से भारत ला रहे हैं। यह माल यूएई (दुबई) से आया हुआ दिखाया गया था, जबकि वास्तव में इसकी उत्पत्ति पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से हुई थी।
जांच में यह भी सामने आया कि माल को पहले एक सेट कंटेनरों में कराची से दुबई भेजा गया, फिर वहाँ से अन्य कंटेनरों में भारत के लिए रवाना किया गया, ताकि उसके मूल स्रोत को छिपाया जा सके।
बयान में यह भी कहा गया कि इस अवैध व्यापार से जुड़े वित्तीय लेन-देन और हवाला लिंक पाकिस्तान में स्थित संस्थाओं से जुड़े पाए गए, जिससे गैरकानूनी फंडिंग का संदेह भी गहरा हो गया है।
सरकार ने 2 मई 2025 से पाकिस्तान से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी प्रकार का माल आयात या पारगमन (transit) पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। इससे पहले, पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर 200% सीमा शुल्क लगाया जाता था।
फिर भी, कुछ आयातक मूल देश की गलत घोषणा (misdeclaration) और शिपिंग दस्तावेजों में हेरफेर कर नीति को चकमा देने की कोशिश करते हैं।
“ऑपरेशन सिंदूर” और वर्तमान सुरक्षा माहौल को देखते हुए, DRI ने पाकिस्तान से जुड़ी खेपों पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके लिए डेटा विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर संदिग्ध कंटेनरों को टारगेट किया जा रहा है।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह पूरा रैकेट पाकिस्तानी और यूएई नागरिकों के नेटवर्क के जरिए चलाया जा रहा था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की उत्पत्ति को छिपाकर भारत में सामान की अवैध घुसपैठ कराना था।