आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ओडिशा में वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार ने माओवादियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाकर संशोधित नीति शुरू की है, जिसके तहत हथियार छोड़ने पर पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
ओडिशा के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का उद्देश्य कट्टर वामपंथी उग्रवादियों को अलग-थलग करके राज्य में वामपंथी उग्रवाद को रोकना और उसका उन्मूलन करना है। इस नीति का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली उग्रवाद की ओर न लौटें, इसके लिए उन्हें लाभकारी रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर प्रदान किए जाएं।’’
बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले कैडर को दो श्रेणियों, श्रेणी ‘ए’ और ‘बी’ में वर्गीकृत किया जाएगा।
उच्च पदस्थ कैडर जैसे केंद्रीय समिति सचिव, केंद्रीय सैन्य आयोग प्रमुख, पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय समिति सदस्य, राज्य समिति सदस्य या समकक्ष रैंक, विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य और क्षेत्रीय समिति सदस्य श्रेणी ‘ए’ के अंतर्गत आते हैं।
इसी प्रकार, निचले स्तर के कैडर, जिनमें संभागीय समिति सचिव, सैन्य प्लाटून कमांडर, संभागीय समिति सदस्य, क्षेत्र समिति सचिव और क्षेत्र समिति सदस्य शामिल हैं, श्रेणी ‘बी’ का हिस्सा हैं।
नयी अधिसूचना के अनुसार, संशोधित योजना में श्रेणी ‘ए’ के लिए वित्तीय सहायता की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है।