Only those who fear the deletion of names of 'infiltrators' from voter lists are scared of SIR: Suresh Khanna
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया से वो ही लोग घबरा रहे हैं, जिन्हें आशंका है कि मतदाता सूचियों के सत्यापन में ‘घुसपैठियों’ के नाम हट जाएंगे।
एसआईआर को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग पर विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा लगातार आरोप लगाये जाने पर पलटवार करते हुए खन्ना ने कहा कि मतदाताओं का सत्यापन करना आयोग का दायित्व है और इसमें सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर एसआईआर प्रक्रिया का 20 सेकंड का एक वीडियो साझा करते हुए अपनी पोस्ट में कहा “ये लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी है। जनता जागरूक हो। आज वोट काटा जा रहा है, कल को खेत-जमीन-मकान-राशन-जाति-आरक्षण से नाम काटा जाएगा। फिर बात खातों और मध्यम वर्ग के लॉकर तक पहुंच जाएगी।”
बृहस्पतिवार को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए बरेली पहुंचे वित्त मंत्री ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘एसआईआर से आम मतदाता न डर रहा है और न ही इसमें किसी प्रकार की जटिलता है। यह एक नियमित प्रक्रिया है, जो हर चुनाव से पहले होती है।''
अखिलेश यादव द्वारा एसआईआर की अवधि बढ़ाने की मांग पर खन्ना ने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने में अभी आठ दिन शेष हैं, ऐसे में जिन मतदाताओं को फॉर्म भरना है, वे आसानी से निर्धारित समय में प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि सत्यापन में किसी तरह की अनियमितता नहीं है और यह पूरी तरह निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित है।
स्कूलों में वंदे मातरम के सामूहिक गायन को लेकर उठे विरोध पर वित्त मंत्री ने कहा कि वंदे मातरम देश के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा रहा है और इसे स्वतंत्रता सेनानियों का प्रिय गीत माना जाता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के प्रति सम्मान का भाव रखना हर नागरिक का दायित्व है।a