पूनछ (जम्मू-कश्मीर)
गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी गुरुपर्व के अवसर पर रविवार को पूनछ में आयोजित ‘विशाल नगर कीर्तन’ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। स्थानीय लोगों, समुदाय के प्रतिनिधियों और बाहर से आए संगतियों की उत्साही भागीदारी ने नौवें सिख गुरु के प्रति गहरी श्रद्धा को अभिव्यक्त किया। गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान, करुणा और धर्मनिष्ठा की शिक्षाएँ आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर जी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि सत्य, मानवता और धर्म की रक्षा के लिए उनका अतुलनीय बलिदान राष्ट्र के लिए शाश्वत मार्गदर्शक है। उन्होंने अपने संदेश में कहा,“गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान न्याय, सत्य और साहस की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। हमें उनके मूल्यों को अपनाकर देश में एकता और सद्भाव को मजबूत करना चाहिए।”
गुरु तेग बहादुर, जिन्हें ‘हिंद दी चादर’ कहा जाता है, ने 1675 में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उनका बलिदान देश के सामाजिक-धार्मिक इतिहास में pluralism और नागरिक अधिकारों की रक्षा का प्रतीक माना जाता है।
राज्य सरकारों ने कहा कि इस पावन दिवस का उद्देश्य गुरु साहिब की करुणा, समानता और अध्यवसाय की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाना है। देशभर के गुरुद्वारों में विशेष अरदासें की जा रही हैं।
इस बीच, दिल्ली सरकार ने 25 नवंबर (मंगलवार) को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।