मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
साथ में, एजेंसी इनपुट्स
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा है कि मौजूदा जटिल और चुनौतीपूर्ण परिदृश्य में समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है.उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा विमर्श में भूमि और समुद्री सीमाओं का महत्व बहुत अलग है.
आप उनकी बांध नहीं दे सकते, चौबीसों घंटे सतर्कता बरत सकते हैं, भूमि सीमाओं में संप्रभुता की अवधारणा क्षेत्रीय और अच्छी तरह से पारिभाषित है. हिंद महासागर हमारे लिए बहुत बड़ी संपत्ति है. सुरक्षा के कार्डिनल प्रिंसपल के साथ, हमारी कमजोरियां हमारी संपत्ति के सीधे जुड़े हुए हैं. हम जितना अधिक विकास करेंगे, उतनी ही एसेट तैयार करेंगे और उसके अनुपात में उतनी ही अधिक सुरक्षा की आवश्यकता होगी.”
समाचार एजेंसी आइएनए के मुताबिक, एनएसएअजीत डोभाल ने गुरुवार को समुद्री सुरक्षा को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण नीतिगत मामलों पर चर्चा करने के लिए बहु-एजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह की पहली बैठक में भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक वाइस एडमिरल सेवानिवृत्त जी. अशोक कुमार ने की.
इस दौरान डोभाल ने समुद्री सुरक्षा की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि तेजी से बदलते हालात तथा बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण परिदृश्य में समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है. मौजूदा भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के मद्देनजर समुद्री सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.
अजित डोभाल ने कहा, “पड़ोसियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है चाहे वह आपदा प्रबंधन हो या उनके लिए सुरक्षा, हम यह करते रहे हैं. हिंद महासागर में समुद्री खतरों से निपटने के लिए कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किए जाने पर हाल ही में हमारे पास एक साथ आने वाले देशों का एक उदाहरण था. हम जानते हैं कि हम कहां जा रहे हैं... भारत के पास अगर बहुत मजबूत समुद्री सुरक्षा प्रणाली न हो तो वह वैसी ताकत नहीं बन पाएगा जिसका वह हकदार है. यह इसके लिए एकदम सही समय है. खुफिया एजेंसियों ने तस्करी, गन रनिंग, काउंटर टेरेरिज्म, जासूसी के बारे में अहम जानकारियां मुहैया कराई. हैं”
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2022