बोइंग विमानों के ईंधन स्विच की लॉकिंग प्रणाली में नहीं मिली कोई समस्या: एयर इंडिया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 22-07-2025
No problem found in locking system of fuel switch on Boeing planes: Air India
No problem found in locking system of fuel switch on Boeing planes: Air India

 

मुंबई

एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के बेड़े पर ईंधन नियंत्रण स्विच (एफसीएस) की लॉकिंग प्रणाली का ‘एहतियाती’ निरीक्षण पूरा कर लिया है और उसमें कोई भी समस्या नहीं मिली है।
 
एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान के 12 जून को हुए भीषण हादसे की जांच के बाद पेश अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने पिछले हफ्ते कहा था कि दुर्घटनाग्रस्त होने के पहले विमान के ईंधन स्विच बंद कर दिए गए थे।
 
इसके बाद, नागर विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया को 21 जुलाई तक अपने बेड़े में शामिल बोइंग 787 और 737 विमानों में ईंधन स्विच की लॉकिंग प्रणाली का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
 
एयर इंडिया का बोइंग 787 विमान 12 जून को लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई थी जबकि जमीन पर मौजूद 19 लोग भी हादसे में मारे गए थे।
 
टाटा समूह की एयरलाइन ने बयान में कहा, ‘‘ईंधन स्विच की लॉकिंग प्रणाली में निरीक्षण के दौरान कोई भी समस्या नहीं पाई गई।’’ ईंधन नियंत्रण स्विच विमान के इंजन में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
 
एयर इंडिया ने कहा कि उसकी दोनों एयरलाइंस ने 14 जुलाई को जारी डीजीसीए के निर्देशों का अनुपालन कर लिया है। एयर इंडिया ने कहा कि उसने 12 जुलाई को स्वैच्छिक निरीक्षण शुरू किया था और विमानन नियामक की तरफ से निर्धारित समयसीमा के भीतर उन्हें पूरा कर लिया।
 
बोइंग 787-8 दुर्घटना पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट कहती है कि उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति एक सेकंड के भीतर बंद कर दी गई थी, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।
 
एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग 787 शामिल हैं, जबकि इसकी कम किफायती सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस में बोइंग 737 विमानों का संचालन होता है।
 
इनके अलावा, अन्य घरेलू एयरलाइन कंपनियां इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा एयर भी अपने परिचालन में इस तरह के विमानों का उपयोग करती हैं।