एनआईए जांच में खुलासा, रियासी में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 10-07-2024
Terrorist attack on pilgrims in Reasi
Terrorist attack on pilgrims in Reasi

 

नई दिल्ली/जम्मू. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच कर रही है. एजेंसी की जांच में हमले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन के पाकिस्तान स्थित संचालकों की भूमिका सामने आई है.  

आतंकवादियों ने 9 जून को रियासी के शिव-खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमला कर दिया था. आतंकियों ने पहले बस के ड्राइवर की हत्या की थी. इसके बाद बस खाई में जा गिरी. आतंकियों ने करीब 20 मिनट तीर्थयात्रियों पर फायरिंग की थी, जिसमें नौ लोग मारे गए और 44 तीर्थयात्री घायल हो गए थे.

सूत्रों के अनुसार, स्थानीय निवासी हकीम खान उर्फ हकीम दीन के खिलाफ एनआईए की जांच में पता चला है कि उसने तीन आतंकवादियों की मदद की थी. यहां तक कि उसने आतंकियों के लिए रेकी भी की थी.

सूत्रों ने बताया, "हकीम खान तीनों आतंकवादियों के साथ हमले की जगह पर गया था. इससे पहले एक जून के बाद कम से कम तीन मौकों पर वे उसके साथ रहे थे. इस दौरान हमले की योजना बनाई जा रही थी."

हकीम खान की ओर से किए गए खुलासे के बाद ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और हाइब्रिड आतंकवादियों से जुड़े पांच स्थानों पर तलाशी ली गई.

एनआईए अधिकारियों ने बताया कि हकीम खान से पूछताछ के दौरान पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के दो आकाओं सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट और अबू कताल उर्फ कताल सिंधी की भूमिका सामने आई है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद 15 जून को रियासी आतंकी हमले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी.

 

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