New Green India Mission launched to restore ecosystem in Aravallis, Himalayas, Western Ghats
नयी दिल्ली
सरकार ने हरित भारत के लिए मंगलवार को एक अद्यतन राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य पश्चिमी घाट, हिमालय और अरावली पर्वत श्रृंखला में क्षीण हो चुके वन पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना है. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा उन्मूलन दिवस पर जारी किए गए मिशन के अद्यतन दस्तावेज में उत्तर-पश्चिम भारत के शुष्क क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है.
मिशन के पहले चरण का उद्देश्य 100 लाख हेक्टेयर भूमि में पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में सुधार करना, लगभग ? 30 लाख वन-आश्रित परिवारों की वन-आधारित आय में वृद्धि करना है. मिशन पर विचार विमर्श 2015-16 में शुरू हुआ था और 2020-21 तक लगभग 110 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण किया गया.
दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक, अरावली प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन वनों की कटाई, खनन और निर्माण से खतरे का सामना कर रही है. इसके कारण रेगिस्तानों का विस्तार हुआ है, वर्षा और भूजल में कमी आई है.
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत, सरकार की पर्वत श्रृंखला के चारों ओर पांच किलोमीटर की हरित बफर पट्टी बनाने की योजना है, जो रेगिस्तानी हवाओं के खिलाफ एक अवरोध के रूप में कार्य करेगी और भूजल को ‘रिचार्ज’ करने में मदद करेगी, जिससे क्षेत्र में दीर्घकालिक पारिस्थितिक स्थिरता सुनिश्चित होगी.
मिशन का उद्देश्य दुनिया के 34 जैव विविधता ‘हॉटस्पॉट’ में से एक पश्चिमी घाट की स्थिति को बेहतर बनाना और उसकी रक्षा करना भी है. गुजरात से तमिलनाडु तक 1,600 किलोमीटर तक फैले घाट भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 10 प्रतिशत तक अवशोषित करते हैं.