श्रीनगर/जम्मू,
जम्मू-कश्मीर में तेज़ बारिश और भूस्खलन से बाधित हुई फोन और इंटरनेट सेवाएं बुधवार को पूरी तरह बहाल कर दी गईं। अधिकारियों ने बताया कि अब सभी नेटवर्कों पर मोबाइल, फाइबर और लैंडलाइन इंटरनेट सेवाएं सुचारु रूप से चल रही हैं, और उपयोगकर्ता 5G नेटवर्क स्पीड का लाभ उठा सकते हैं।
यह बहाली जम्मू क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ऑप्टिकल फाइबर के पुनः जोड़ने के बाद संभव हो पाई। भारी बारिश और बाढ़ के चलते मंगलवार को फाइबर लाइन को नुकसान पहुंचा था, जिससे नेटवर्क सेवाएं ठप हो गई थीं। इसका असर बैंकिंग सेवाओं सहित आपात सेवाओं पर भी पड़ा था।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर उन्हें जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश से उत्पन्न हालात से अवगत कराया। उन्होंने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की तैनाती के लिए धन्यवाद दिया और केंद्र सरकार के सहयोग के आश्वासन के लिए आभार जताया।
मंगलवार को जम्मू क्षेत्र में हुई मूसलाधार बारिश से व्यापक तबाही मची। भूस्खलन और बाढ़ के चलते कई सड़कें और पुल बह गए। माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन से 32 लोगों की मौत हो गई, जबकि डोडा जिले में अलग-अलग घटनाओं में 4 और लोगों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा:"मैंने प्रधानमंत्री को जम्मू के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।"
उन्होंने तवी नदी के किनारे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया और कहा कि बारिश थमने से राहत कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने 2014 की बाढ़ का ज़िक्र करते हुए कहा कि फिर उसी क्षेत्र में पुल को नुकसान हुआ है और इसके कारणों की जांच ज़रूरी है। उन्होंने कहा,"हर बार इसी स्थान पर पुल को नुकसान क्यों होता है, इसके पीछे का कारण समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम लगाई जाएगी."
मुख्यमंत्री ने नदियों के किनारे बसे घरों के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाना होगा। उन्होंने कहा,"हमें पहले इस आपदा से निकलना है, फिर नुकसान का आकलन करके राहत पैकेज तैयार किया जाएगा."
उन्होंने बताया कि राजौरी और पुंछ जिलों में स्थिति नियंत्रण में है, जबकि जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में नुकसान हुआ है।
राज्य सरकार द्वारा राहत और पुनर्वास कार्य तेज़ी से चलाए जा रहे हैं और आने वाले दिनों में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और पुनर्वास योजनाओं की घोषणा की जाएगी।