अरकोणम, तमिलनाडु
एक महिला समेत 18 भारतीय नौसेना अधिकारियों ने सोमवार को यहां आईएनएस राजाली में हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल से पायलट के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.
एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन-561 में प्रशिक्षण स्कूल में अपने 22 सप्ताह लंबे गहन उड़ान और जमीनी प्रशिक्षण के सफल समापन पर एक प्रभावशाली पासिंग आउट परेड में भाग लिया.
इसमें कहा गया, "महिलाओं के लिए लैंगिक समावेशी वातावरण और समान कैरियर के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, सब लेफ्टिनेंट सिद्धि हेमंत दुबे ने आज प्रशिक्षण के सफल समापन पर भारतीय नौसेना की दूसरी महिला हेलीकॉप्टर पायलट बनकर इतिहास रच दिया."
स्नातक अधिकारियों को प्रतिष्ठित 'गोल्डन विंग्स' दिए गए, जो उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में चिह्नित करते हैं.
ये पुरस्कार वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान द्वारा दिए गए.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नए पायलटों को अब भारतीय नौसेना की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों के माध्यम से तैनात किया जाएगा, जो टोही, निगरानी, खोज और बचाव तथा समुद्री डकैती विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. विज्ञप्ति में वाइस एडमिरल पेंढारकर के हवाले से कहा गया है कि परेड ने न केवल एक कठोर पाठ्यक्रम की सफल परिणति को चिह्नित किया, बल्कि एक ऐसा दिन भी था जब युवा और उत्साही पायलटों का एक नया बैच स्कूल के द्वार से गुजरा. उन्होंने कहा कि नए हेलीकॉप्टर पायलटों ने न केवल उड़ान भरना सीखा है, बल्कि उद्देश्य के साथ उड़ान भरना भी सीखा है. पेंढारकर ने कहा कि भारतीय नौसेना विमानन हमेशा व्यावसायिकता, सटीकता और गौरव के लिए खड़ा रहा है.