तिरुवनंतपुरम
समुद्री जीवन की रक्षा और मछली पकड़ने की टिकाऊ विधियों को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत केरल के तट पर नौ जून की मध्यरात्रि से 52-दिन तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा. यह प्रतिबंध 31 जुलाई की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा, जिसका उद्देश्य मॉनसून के दौरान मछलियों के भंडार को फिर से बढ़ने का समय देना है.
छोटी नौकाओं का उपयोग करने वाले पारंपरिक मछुआरों को अब मछली पकड़ने की अनुमति होगी, जबकि बड़ी मशीनी नौकाओं को तट पर ही रहना होगा. राज्य के मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि प्रभावित लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार इन नौकाओं पर कार्यरत श्रमिकों को मुफ्त राशन प्रदान करेगी और 15 मई से सभी तटीय जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं.
उन्होंने हाल में एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि प्रतिबंध के दौरान समुद्री बचाव और गश्त कार्यों के लिए नौ तटीय जिलों में 19 निजी नौकाओं को काम पर रखा गया है. विणिंगम, वाइपिन और बेपोर मत्स्य पालन केंद्रों पर तीन समुद्री एंबुलेंस भी तैयार हालत में रखी गयी हैं. चेरियन ने कहा कि गोवा में राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 76 युवा मछुआरों को नौ तटीय (समुद्री) जिलों में समुद्री सुरक्षा कर्मियों के रूप में तैनात किया जाएगा.
अधिकारियों ने प्रतिबंध से पहले सभी अन्य राज्यों की नौकाओं को केरल के जल क्षेत्र से बाहर जाने का निर्देश दिया है. सरकार ने समुद्र में जाने वाले मछुआरों को आईडी कार्ड साथ रखने और लाइफ जैकेट पहनने का निर्देश दिया है.