मुंबई.एक 36 वर्षीय व्यक्ति को मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर शहर के ऐतिहासिक ताज होटल में आतंकवादी हमले के बारे में फर्जी कॉल करने के बाद गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने बताया कि सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया है.
मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को गुरुवार को कॉल आई थी जिसमें उन्हें बताया गया था कि दो पाकिस्तानी नागरिक तटीय रेखा के जरिए मुंबई में प्रवेश करेंगे और ताज होटल को उड़ा देंगे. अधिकारियों के मुताबिक, फोन करने वाले ने खुद को मुकेश सिंह बताया, जिसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच, यूनिट 9 ने मामले की जांच शुरू की.
तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से, आरोपी की पहचान जगदंबा प्रसाद सिंह के रूप में हुई, जो उत्तर प्रदेश के गोंडा के एक गांव का रहने वाला था और सांताक्रूज पश्चिम में रहता था. बाद में उसे अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से एक मोबाइल हैंडसेट जब्त किया गया.
पूछताछ करने पर आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया और उसे सांताक्रूज पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया. 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के सशस्त्र आतंकवादियों ने शहर के ताज महल होटल सहित मुंबई में कई स्थानों पर समन्वित आतंकवादी हमले किए.
मुंबई में तीन दिवसीय घेराबंदी उस वर्ष 26 नवंबर को शुरू हुई, जब लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते पहुंचे और गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें 18 सुरक्षा अधिकारियों सहित 166 लोग मारे गए और 300 से अधिक अन्य घायल हो गए. 10 आतंकवादियों ने कुबेर मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर का अपहरण करके अरब सागर के पार पाकिस्तान के कराची से मुंबई तक की यात्रा की, सभी चालक दल को मार डाला और फिर कप्तान की हत्या करने के बाद एक इन्फ्लेटेबल स्पीडबोट में पहुंचे.
वे गेटवे ऑफ इंडिया के पास मुंबई के तट पर रुके, एक पुलिस वैन सहित कारों का अपहरण कर लिया और अधिकतम क्षति के लिए हमलों को अंजाम देने के लिए कम से कम तीन समूहों में विभाजित हो गए. भारतीय सुरक्षा बलों ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया और जिंदा पकड़े गए एक आतंकवादी अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई.
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