जयनारायण प्रसाद/ कोलकाता
अगले महीने 20 सितंबर, 2023 से थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में कराटे का वर्ल्ड चैंपियनशिप शुरू हो रहा है.इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बंगाल से एक चाय बेचने वाले अमजद मोल्ला के बेटे सूरज मोल्ला का भी चयन भारतीय कराटे टीम में हुआ है.
सूरज मोल्ला अभी छठवीं कक्षा में पढ़ता है.बैंकाक जाने वाली 26 सदस्यीय एक भारतीय टीम गठित हुई है, जिसमें से एक सदस्य बंगाल का सूरज मोल्ला भी है.
बेहद गरीब है अमजद मोल्ला
अमजद मोल्ला पश्चिम बंगाल के दक्षिण चौबीस परगना जिले के चंपाहाटी इलाके के एक गांव में रहते हैं.अमजद मोल्ला बेहद गरीब है और चंपाहाटी रेलवे स्टेशन के बाहर उनके भाई की चाय की एक दुकान है, जिसमें वो काम करते हैं.भाई की दुकान से मेहनत-मजदूरी करके जो पैसा मिलता है. उससे परिवार भी चलता है और सूरज मोल्ला की कराटे कोचिंग भी.
बैंकाक भेजने के लिए प्राइवेट संस्था से लिया कर्ज
छब्बीस सदस्यीय भारतीय कराटे टीम में बेटे सूरज मोल्ला के चयन की खबर जैसे ही पिता अमजद मोल्ला को मिली, वह खुशी से झूम उठा.पूरे चंपाहाटी इलाके में खबर फैल गई.लेकिन, पिता अमजद मोल्ला को अपनी खुशी में 'अंधेरा-अंधेरा' ही दिख रहा था.
कोई मदद को आगे नहीं आ रहा था, तभी गांव के एक पहुंच वाले शख्स ने प्राइवेट संस्था का नाम बताया.आनन-फानन में बेटे सूरज मोल्ला के खेलकूद का सारा रिकॉर्ड लेकर अमजद मोल्ला ने कर्ज मुहैया कराने वाली उस प्राइवेट संस्था के कार्यालय का चक्कर कई दफा लगाया.तब जाकर वह कंपनी कर्ज देने के लिए तैयार हुई.
सूरज मोल्ला का बैंकाक जाना तय
बेहद मुश्किल से सूरज मोल्ला का बैंकाक जाना तय हुआ है.उसके पिता अमजद मोल्ला बताते हैं - 'मुझे नहीं पता यह कर्ज मैं कैसे चुकाऊंगा.बेटे के भविष्य को देखते हुए मैंने यह जोखिम उठाया है.'
अमजद मोल्ला आगे कहते हैं - ' मेरी बस यही ख्वाहिश है एक चाय वाले का बेटा भी कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करें और अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीत कर लाएं.'
मदद का भरोसा अनेक ने दिया था, पर सभी मुकर गए
अमजद मोल्ला बताते हैं - 'अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप-2023 में जब बेटे सूरज मोल्ला के सलेक्शन की खबर मिली, तो आर्थिक मदद का भरोसा 25से भी ज्यादा लोगों ने दिया,लेकिन आखिरी समय में सभी मुकर गए.अंत में कर्ज देने वाली एक प्राइवेट कंपनी आगे आई.'
अमजद मोल्ला कहते हैं -'वह प्राइवेट कंपनी आगे नहीं आती, मेरे बेटे सूरज मोल्ला की जिंदगी अंधेरे में तब्दील हो जाती.'
सूरज मोल्ला की ट्रेनिंग और खाने-पीने में काफी खर्च
अमजद मोल्ला यह भी कहते हैं कि बेटे सूरज मोल्ला की ट्रेनिंग और खाने-पीने में अभी तक अनेक रुपए खर्च हो चुके हैं.अमजद कहते हैं - 'अभी भी मेरे माथे पर काफी कर्ज है.वह माथे पर हाथ रखकर कहते हैं- 'नहीं पता आगे क्या होगा.'