एमपी वक्फ बोर्ड के चुनाव टले, जानिए अब कब होगा चुनाव

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-07-2022
एमपी वक्फ बोर्ड के चुनाव टले, जानिए अब कब होगा चुनाव
एमपी वक्फ बोर्ड के चुनाव टले, जानिए अब कब होगा चुनाव

 

गुलाम कादिर/ भोपाल
 
मध्य प्रदेश में चार साल बाद वक्फ बोर्ड का चुनाव उच्च न्यायालय के आदेश के कारण टाल दिया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 30 जुलाई को वक्फ बोर्ड के चुनाव की तारीख घोषित की गई, लेकिन बोर्ड के संचालन और बोर्ड के सदस्यों की संख्या को लेकर मामला एक बार फिर अदालत में पहुंचा.
 
इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. 29 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की गई है. मध्य प्रदेश के मुस्लिम संगठनों ने जहां बोर्ड चुनाव स्थगित होने पर रोष जताया है, वहीं स्थगन को सरकार की साजिश का हिस्सा बताया.
 
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड का गठन 2018 से नहीं हुआ है. नियमों के अनुसार बोर्ड को छह माह से अधिक समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है. यदि बोर्ड नहीं बनता है तो प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी. अधिनियम में प्रशासक को छह महीने का एकमुश्त विस्तार देने का प्रावधान है. लेकिन यहां वक्फ बोर्ड कमलनाथ सरकार में भी नहीं बना था.
 
जब कि शिवराज सिंह की सरकार के दो साल में भी बोर्ड का गठन नहीं हुआ है. मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट के आदेश के बाद 30 जुलाई को वक्फ बोर्ड के चुनाव की घोषणा की गई, लेकिन चुनाव से तीन दिन पहले बोर्ड ने अगले आदेश तक चुनाव स्थगित करने का फरमान जारी कर दिया.
 
वक्फ बोर्ड के चुनाव स्थगित करने के संबंध में जब एमपी वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद शाकिर अली जाफरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बोर्ड के चुनाव अधिकारी ने समय बढ़ाने का फैसला किया है. कुछ लोगों ने चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग की थी, इसलिए 30 जुलाई को होने वाले चुनाव को टाल दिया गया है. वक्फ बोर्ड चुनाव की नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी. बोर्ड के चयन को लेकर सरकार गंभीर है.
 
 
इस बीच मध्य प्रदेश अल्पसंख्यक संयुक्त संगठन सचिव अब्दुल नफीस का कहना है कि चार साल बाद होने वाले बोर्ड के चुनाव में सरकार को हर तरफ से अपनी हार नजर आ रही थी. इसलिए बोर्ड के सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए चुनाव टालने की चाल चली गई है. बोर्ड के नियमों के अनुसार तेरह सदस्यीय बोर्ड होना चाहिए, लेकिन जो बोर्ड बनाया जा रहा है वह सात सदस्यीय बोर्ड है.उज्जैन के मुहम्मद अरशद सिद्दीकी द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की गई है और  29 जुलाई सुनवाई निर्धारित है.
 
चुनाव अधिकारी के पत्र को बोर्ड के अधिकारी बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. यह बात सभी को उसी दिन समझ में आ गई जब बोर्ड चुनाव के लिए नियुक्त पहले चुनाव अधिकारी की जगह दूसरे चुनाव अधिकारी एच यू खान ने ले ली. आरोप है कि सरकार  वक्फ बोर्ड के चुनाव में कुछ खास तरह का खेल करना चाहती है.