अधिकांश भारतीयों का मानना है कि शिंदे सरकार कार्यकाल पूरा करेगी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 05-07-2022
अधिकांश भारतीयों का मानना है कि शिंदे सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी- सर्वे
अधिकांश भारतीयों का मानना है कि शिंदे सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी- सर्वे

 

नई दिल्ली.

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन वाली नई सरकार ने 4 जुलाई को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण जीत लिया. शक्ति परीक्षण में जहां 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, वहीं 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया.

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में एक बड़े विद्रोह के कारण नई सरकार सत्ता में आई है.

कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) एमवीए के गठबंधन सहयोगी हैं. जब से शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाया, महाराष्ट्र में दो सप्ताह की राजनीतिक तक उथल-पुथल देखी गई. हालांकि शिंदे सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है, लेकिन राकांपा प्रमुख शरद पवार ने भविष्यवाणी की है कि नई सरकार छह महीने के भीतर गिर जाएगी और राज्य में मध्यावधि विधानसभा चुनाव होंगे.

पवार की टिप्पणी और शिंदे सरकार के अस्तित्व के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया. सर्वे के दौरान, अधिकांश भारतीय पवार से सहमत नहीं थे और 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि शिंदे सरकार 2024 में राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव तक बने रहेंगे.

दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, जहां एनडीए के अधिकांश मतदाताओं (75 प्रतिशत) ने शिंदे सरकार के अस्तित्व में विश्वास व्यक्त किया, वहीं विपक्षी समर्थकों के एक बड़े अनुपात - 57 प्रतिशत ने यह भी राय व्यक्त की कि नई सरकार छह महीने के भीतर नहीं गिरेगी, जैसा कि पवार ने भविष्यवाणी की है.

विशेष रूप से, विभिन्न सामाजिक समूहों के अधिकांश उत्तरदाताओं ने कहा कि पवार गलत साबित होंगे, क्योंकि नई महाराष्ट्र सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। सर्वे के दौरान, 75 प्रतिशत उच्च जाति के हिंदू (यूसीएच), 66 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी), 65 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और 64 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) ने कहा कि नई सत्तारूढ़ सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और राज्य में मध्यावधि चुनाव नहीं होंगे.

हालांकि, सर्वे के दौरान, अधिकांश मुस्लिम उत्तरदाताओं - 73 प्रतिशत ने पवार के विचारों से सहमति व्यक्त की. सर्वे में आगे खुलासा हुआ कि असली शिवसेना के नेतृत्व को लेकर भारतीय बंटे हुए हैं. सर्वे के दौरान, उत्तरदाताओं को उनके विचारों में विभाजित किया गया था, एक बड़ा अनुपात - 52 प्रतिशत अब मानते हैं कि शिंदे शिवसेना के नेता हैं, 48 प्रतिशत अभी भी ठाकरे को पार्टी के प्रमुख माना.

विशेष रूप से, 24 जून को शिवसेना के नेतृत्व के मुद्दे पर किए गए सीवोटर-इंडियाट्रैकर सर्वेक्षण में, उत्तरदाताओं का एक बड़ा हिस्सा- 53 प्रतिशत ने ठाकरे के पक्ष में अपनी राय दी. सर्वे के दौरान, जबकि एनडीए के अधिकांश मतदाताओं- 64 प्रतिशत- ने कहा कि शिंदे असली शिवसेना के नए प्रमुख हैं.

इस मुद्दे पर विपक्षी मतदाताओं के विचार विभाजित थे.सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, जहां विपक्षी मतदाताओं की राय इस मुद्दे पर विभाजित थी, उनमें से एक बड़ा हिस्सा - 55 प्रतिशत - ने ठाकरे को लेकर अपने विचार व्यक्त किए.

बदलते राजनीतिक परि²श्य में शिवसेना नेतृत्व को लेकर शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के मतदाताओं के विचार बंटे हुए थे. सर्वे के दौरान, जहां 56 प्रतिशत शहरी मतदाताओं ने ठाकरे के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए, वहीं 56 प्रतिशत ग्रामीण उत्तरदाताओं ने कहा कि विद्रोह के बाद शिंदे पार्टी के नए नेता के रूप में उभरे हैं.