आवाज द वाॅयस / मुंबई
महाराष्ट्र के मालेगांव में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बैनर तले बड़ी संख्या में लोगों ने उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा धर्मांतरण के आरोप में मौलाना कलीमुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी के विरोध मंे धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही उनकी और इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की गई.
इस दौरान उलेमा ने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों के लिए जमीन तंग करने की साजिश चल रही है. जमीयत उलेमा मालेगांव (मदनी गुट) ने शनिवार को महाराष्ट्र के मालेगांव में शहीद स्मारक के पास मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. इसमें शहर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और उलेमा मौजूद थे. उन्होंने मौलाना कलीम सिद्दीकी को समर्थन देने का ऐलान किया.विरोध-प्रदर्शन के दौरान, उलेमा और सियासतदानों ने देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता प्रकट की. उन्होंने लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन और सरकार पर अन्याय और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की. साथ ही मौलाना को रिहा करने की अपील की गई.
‘ईटीवी भारत’ की एक खबर के अनुसार, उलेमा और राजनीतिक दलों के नेताओं ने आगे कहा कि विद्वानों के कहने पर मुसलमानों ने आजादी के लिए अपनी गर्दन काट दी थी. अब उन्हें परेशान किया जा रहा है. कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के खिलाफ जमीयत उलेमा मालेगांव के विरोध प्रदर्शन में मुफ्ती मौलाना मुहम्मद इस्माइल कासिम रिजवान अंसारी ने कई संगठनों की आलोचना की.
उन्होंने एक संगठन का नाम लेकर आरोप लगाया कि उसे सरकार का संरक्षण प्राप्त है. उन्होंने कहा कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के मदरसे और दिल्ली के शाहीन बाग स्थित घर पर छापेमारी की जा रही है. मुस्लिम नेताओं को तरह-तरह के आरोप में जेल में डाला जा रहा है.
देश के प्रख्यात विद्वान और उपदेशक मौलाना कलीम सिद्दीकी को जबरन धर्म परिवर्तन के झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया. इससे मुस्लिम समुदाय में अफरा-तफरी का आलम है. लोगों में गुस्सा है.