नेपाल में जन्मे थे भगवान राम : पीएम ओली

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 08-07-2025
Lord Ram was born in Nepal, there is no need to hesitate in promoting him: PM Oli
Lord Ram was born in Nepal, there is no need to hesitate in promoting him: PM Oli

 

काठमांडू

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर दोहराया है कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था। उन्होंने सोमवार को काठमांडू में एक पार्टी कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि राम का जन्मस्थान नेपाल की सीमा के भीतर है और लोगों को इस सच्चाई को प्रचारित करने में कोई झिझक या भय नहीं होना चाहिए।

यह कार्यक्रम उनकी पार्टी सीपीएन-यूएमएल की पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें ओली ने दावा किया कि उनका यह कथन महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित मूल रामायण पर आधारित है।

ओली ने कहा,“हम पर्यटन की बात करते हैं, लेकिन कोई ये कैसे कह सकता है कि राम का जन्म कहीं और हुआ? राम का जन्म नेपाल में हुआ था। अब जो क्षेत्र नेपाल में है, वहीं उनका जन्मस्थान है। मैं ये नहीं कहता कि वो इलाका तब भी नेपाल था, लेकिन आज वह नेपाल में है। राम भगवान हैं, यह मानना या न मानना आपकी आस्था है। लेकिन जो राम को भगवान मानते हैं, उनके लिए उनका जन्मस्थान पवित्र है। फिर भी हम इस बारे में प्रचार नहीं करते, करने में संकोच करते हैं। ऐसा करना अजीब लगता है, लेकिन मुझे लगता है यह झिझक नहीं होनी चाहिए।”

ओली ने यह भी दावा किया कि हिंदू पौराणिक कथाओं के कई अन्य प्रमुख पात्र भी नेपाल से ही हैं। उन्होंने कहा:“शिव यहीं से हैं, विश्वामित्र यहीं से हैं। मैं नहीं कह रहा, रामायण में लिखा है। महर्षि वाल्मीकि की रामायण में लिखा है कि विश्वामित्र ने कहा राम कोसी नदी पार करके पश्चिम की ओर गए और लक्ष्मण को शिक्षा दी। यह सब नेपाल के सुनसरी जिले के वर्तमान क्षेत्र से जुड़ा है। विश्वामित्र चतरा के थे — यह मैं नहीं कहता, रामायण में लिखा है।”

यह पहली बार नहीं है जब ओली ने इस तरह के बयान दिए हैं।जुलाई 2020 में भी उन्होंने दावा किया था कि प्राचीन अयोध्या नेपाल के चितवन जिले के थोरी इलाके में स्थित है और उन्होंने वहां राम मंदिर निर्माण का आदेश भी दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था,“वाल्मीकि आश्रम नेपाल में है, राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के यज्ञ नेपाल के रिडी में किए थे। राम भारत के नहीं थे। अयोध्या भी नेपाल में है।”

अपने दावे के समर्थन में ओली ने यह भी कहा था कि,“जनकपुर नेपाल में है और अयोध्या भारत में — फिर राम और सीता का विवाह कैसे हुआ? तब तो न टेलीफोन था, न मोबाइल। जानकारी कैसे पहुंची? दूरी बहुत अधिक होती तो यह संभव नहीं था। शायद अयोध्या नजदीक रही हो।”

ओली के इन बयानों पर नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर भी आलोचना हुई थी। पार्टी के कई सदस्यों ने कहा था कि ऐसे बयानों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं। उस वक्त नेपाल के विदेश मंत्रालय को भी स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था।

सितंबर 2020 में दावे के कुछ हफ्ते पहले, ओली ने नेपाल के थोरी में बनने वाले मंदिर के लिए राम और सीता की मूर्तियां भी भेजी थीं, जिसे उन्होंने रामजन्मभूमि का वास्तविक स्थान बताया था।