आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय में स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर बृहस्पतिवार को विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
अब सर्दियों में अगले छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ में की जाएगी।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया कि विशेष पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदार के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के अवसर पर ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम बोले’ के जयघोष के बीच सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे।
इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित भी उपस्थित थे।
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली समारोह के साथ उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। बृहस्पतिवार रात डोली का प्रवास रामपुर में होगा, जबकि शुक्रवार को यह गुप्तकाशी पहुंचेगी जहां से 25 अक्टूबर को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
केदारनाथ मंदिर के कपाट अब अगले वर्ष अप्रैल–मई में श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुलेंगे। इसकी तिथि और मुहूर्त महाशिवरात्रि के पर्व पर तय किया जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष बुधवार शाम सात बजे तक 17,57,380 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके थे।