अग्निशमन सेवाओं को अधिक सशक्त और आधुनिक बनाया जाए: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-10-2025
Fire services should be made more powerful and modern: Chief Minister Yogi Adityanath
Fire services should be made more powerful and modern: Chief Minister Yogi Adityanath

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन विभाग की संरचना को अधिक सशक्त, आधुनिक तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बनाना समय की आवश्यकता है।
 
उन्होंने कहा कि अग्निशमन सेवाओं को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे आपदा प्रबंधन, राहत बचाव अभियान और आपात सेवाओं के समेकित स्वरूप में विकसित किया जाए।
 
मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को अग्निशमन सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे।
 
उन्होंने विभागीय कैडर समीक्षा की आवश्यकता बताते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक क्षेत्र में विशेष इकाई गठित की जाए, जो रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी हादसों तथा गगनचुंबी इमारतों जैसी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों।
 
मुख्यमंत्री ने अग्निशमन सेवाओं को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित श्रमशक्ति से सुसज्जित करने के निर्देश भी दिए।
 
इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में विभाग में नए पदों के सृजन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाए।
 
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित कर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाए।
 
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद विभाग में राजपत्रित संवर्ग के 98 तथा अराजपत्रित संवर्ग के लगभग 922 नए पद सृजित होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इससे जनपद, क्षेत्रीय और मुख्यालय स्तर पर अग्निशमन सेवाओं की कार्यक्षमता और जनसेवा क्षमता को नयी मजबूती मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अग्निशमन सेवाओं एवं आपात सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
 
एक्सप्रेस-वे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी पर दमकल वाहन सहित एक छोटी अग्निशमन चौकी स्थापित की जाए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में समय रहते राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सके।