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देश में कोरोनावायरस की गंभीर दूसरी लहर शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही एक सामाजिक पहल प्लाज्मा एनसीआर शुरू की गई थी, ताकि लोगों को अपने प्रियजनों के लिए प्लाज्मा प्राप्त करने में मदद मिल सके.
यह पहल श्रीनगर के एक कश्मीरी पंडित शेफ संजय रैना और अदनान शाह ने शुरू की थी. संजय रैना दिल्ली में ही रहते हैं, जबकि अदनान शाह एक कश्मीरी मुसलमान है, जो कुपवाड़ा के रहने वाले हैं और फिलहाल दिल्ली में पत्रकारिता का अध्ययन कर रहे हैं.
यह दोनों ट्विटर पर एट द रेट प्लाज्मा एनसीआर के साथ अभियान चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहल शुरू करने का एक कारण यह रहा कि जब देश में दूसरी लहर चली और लोग मदद मांगने के लिए निकले तो वह ऑक्सीजन, बेड और वेंटिलेटर के लिए भटक रहे हैं, मगर उस समय प्लाज्मा के लिए जरूरतमंद कम दिख रहे थे.
दोनों ने बताया कि हालांकि लोगों को प्लाज्मा की आवश्यकता तो थी, लेकिन यह सोशल मीडिया पर काफी दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए हमने प्लाज्मा के लिए किए जाने वाले अनुरोधों को सुविधाजनक बनाने के लिए इस हेल्पलाइन को शुरू किया.
जब से यह अस्तित्व में आया है, प्लाज्मा एनसीआर पर 1,500 से अधिक अनुरोध देखने को मिले हैं. इसमें एक ही दिन में प्लाज्मा के लिए कम से कम 150 अनुरोध प्राप्त हुए हैं.
रैना ने कहा कि उन्होंने अब तक लगभग 1,600 मामलों पर काम किया है. हालांकि, हमारे डोनर्स में से 500-600 के पास वास्तव में प्लाज्मा दान करने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी ही नहीं थी. अन्यथा, हम लगभग 2,100 मामलों में सफलता प्राप्त कर सकते थे.
अदनान ने बात करते हुए कहा, मेरे माता-पिता मेरे ईद पर घर आने की उम्मीद कर रहे थे और मेरी हवाई टिकट बुक की गई थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि हम क्या कर रहे हैं, तो उन्होंने मुझसे कहा कि वह न आएं और जितने लोगों की भी सेवा की जा सकती है, करे.
संजय और अदनान दोनों एक दिन में लगभग 150 डोनर्स (दानदाताओं)का प्रबंधन कर रहे हैं और एक भी अनुरोध ऐसा नहीं है, जिस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया हो. यह जोड़ी अस्पताल के अधिकारियों के बजाय कोविड प्रभावित मरीजों के परिवारों को सीधे प्लाज्मा प्रदान करती है.
देश के लोगों के लिए एक संदेश देते हुए दोनों ने कहा, यह समय है जब आप आगे आ सकते हैं. जितनी हो सके उतनी मदद करें. यदि आप कर सकते हैं, तो हमें बताएं और प्लाज्मा दान करें. हम आपके लिए परिवहन की व्यवस्था करेंगे, जो वर्तमान में हम अपने कई उदार और दयालु दानदाताओं के लिए कर रहे हैं.
