आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर केंद्र के विकसित भारत-जी राम जी कानून का विरोध करने के लिए सरकारी तंत्र का "दुरुपयोग" करने का आरोप लगाया।
शर्मा ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कामगारों को गुमराह कर रही है और ग्राम स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से उनसे विरोध पत्र पर हस्ताक्षर करवाकर नए कानून का "झूठा विरोध" दिखा रही है। उन्होंने दावा किया कि कामगारों को इस तरह के फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए गुमराह किया जा रहा है।
शर्मा ने कहा कि विकसित भारत-गारंटी रोजगार आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम (वीबी-जी राम जी) ग्रामीण कामगारों को 100 दिन के बजाय 125 दिन का रोजगार प्रदान करता है और समय पर काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता भी सुनिश्चित करता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य सरकार कामगारों को लाभ पहुंचाने वाले कानून का विरोध क्यों कर रही है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी नीत सरकार पिछले तीन वर्षों में मनरेगा कामगारों को 100 दिन का भी काम देने में विफल रही है और इस दौरान बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि योजना के तहत भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए अनिवार्य सामाजिक लेखापरीक्षाएं नहीं की जा रही हैं। उनके अनुसार, 2024-25 में 6,095 ग्राम पंचायतों और 2025-26 में 7,389 पंचायतों में सामाजिक लेखापरीक्षाएं नहीं की गईं।