"Kashmir was and will always be a part of India": Farooq Abdullah after meeting tourists in Pahalgam
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पहलगाम में पर्यटकों से मुलाकात की और कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सबसे बड़ा संदेश यह है कि पर्यटक "डरे हुए नहीं हैं." "जो लोग डर फैलाना चाहते थे, वे हार गए हैं. वे (आतंकवादी) हार गए हैं. आज यह साबित हो गया है कि हम डरने वाले नहीं हैं. कश्मीर भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा.
लोग चाहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो. आतंकवाद को देखे हुए हमें 35 साल हो गए हैं; हम प्रगति चाहते हैं. हम आगे बढ़ना चाहते हैं. हम एक दिन महाशक्ति बनेंगे," अब्दुल्ला ने कहा. इस बीच, फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयानों को महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर भुट्टो की टिप्पणियों पर ध्यान दिया गया तो देश आगे नहीं बढ़ सकता.
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, "अगर हम बिलावल भुट्टो के बयानों पर भरोसा करें तो हम आगे नहीं बढ़ सकते. मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि सिंधु जल संधि की फिर से समीक्षा की जानी चाहिए. हमारी नदियां और हम ही वंचित हैं." अब्दुल्ला की यह टिप्पणी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा अपने देश के आतंकवादी गुंडों के साथ संबंधों को स्वीकार करने के बाद आई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अतीत रहा है. जेकेएनसी प्रमुख और एनसी विधायक अल्ताफ कालू ने पहलगाम आतंकवादी हमले में पर्यटकों को बचाने की कोशिश करते हुए मारे गए स्थानीय निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता हैदर शाह से भी मुलाकात की. हैदर शाह ने कहा, "फारूक अब्दुल्ला ने हमारे दुख को साझा किया और हमें हमारे दुख में हिम्मत दी, जो हमें आगे बढ़ने में मदद कर रही है."
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, आज पहले भारत ने पाकिस्तान से आयात की स्थिति की परवाह किए बिना, पाकिस्तान में आने वाले या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात और पारगमन पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है. इससे द्विपक्षीय व्यापार प्रवाह प्रभावी रूप से रुक गया है. शनिवार को जारी वाणिज्य एवं उद्योग राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है, "विदेश व्यापार (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1992 की धारा 5 के साथ धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, समय-समय पर संशोधित विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 के पैराग्राफ 1.02 और 2.01 के साथ, केंद्र सरकार तत्काल प्रभाव से विदेश व्यापार नीति, 2023 में निम्नलिखित नया पैरा 2.20ए सम्मिलित करती है." यह कदम पहलगाम में हुए कायराना हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिसमें 26 लोग मारे गए थे, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे का समय देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना. पहलगाम हमले के मद्देनजर भारत ने 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी रोक दिया है.