जयपुर में मुफ़्त इंग्लिश सिखा रहे 'अनीस सर': 3500 से अधिक छात्रों को दी अंग्रेज़ी की शिक्षा

Story by  फरहान इसराइली | Published by  [email protected] | Date 05-05-2025
'Anees Sir' is teaching English for free in Jaipur: Has taught English to more than 3500 students
'Anees Sir' is teaching English for free in Jaipur: Has taught English to more than 3500 students

 

मोहम्मद फरहान इसराइली/ जयपुर

जयपुर की तंग गलियों में स्थित एक पुरानी हवेली के कमरे से शुरू हुई एक छोटी सी सोच ने आज हज़ारों युवाओं की जिंदगी बदल दी है. हम बात कर रहे हैं 41 वर्षीय मुहम्मद अनीस खान की, जिन्हें छात्र प्यार से "अनीस सर" कहकर बुलाते हैं.

 

 

अनीस सर, जो अंग्रेज़ी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, ने 2019 में जयपुर में मुफ्त स्पोकन इंग्लिश क्लासेस की शुरुआत की थी. उनका उद्देश्य था, आर्थिक रूप से कमजोर तबके के युवाओं को अंग्रेज़ी और पर्सनालिटी डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना. इसके अलावा, अनीस सर ने 2019 में "लर्न इंग्लिश" नामक एक पुस्तक भी लिखी थी.

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अंग्रेज़ी की कमी नहीं बनेगी रुकावट

अनीस सर बताते हैं, "मैंने देखा कि कई पढ़े-लिखे युवा केवल अपनी कमजोर अंग्रेज़ी के कारण अच्छी नौकरी नहीं पा पाते. इसी वजह से मैंने ये क्लासेस शुरू कीं. इंग्लिश कोचिंग क्लास चलाना महंगा नहीं होता, और एक शिक्षक 50 विद्यार्थियों को पढ़ा सकता है.

इसलिए इसे मुफ्त चलाना संभव है, बस इसके लिए सही नियत और लगन होनी चाहिए." फिलहाल जयपुर में उनके दो सेंटर हैं: एक एम.डी. रोड स्थित नाना जी की हवेली में और दूसरा जालूपुरा के मुकुंदगढ़ हाउस में। इन सेंटरों पर स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी डेवलपमेंट का चार महीने का कोर्स कराया जाता है.

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यहां पर 40 से 60 विद्यार्थियों के बैच होते हैं, जिनमें से लगभग 60% छात्राएं होती हैं. अनीस सर का कहना है कि लड़कियां सीखने के मामले में ज्यादा जोश दिखाती हैं.

अब तक 3500 से ज़्यादा विद्यार्थी लाभान्वित

अब तक दोनों सेंटरों से मिलाकर करीब 3,700 स्टूडेंट्स इंग्लिश सीख चुके हैं. इनमें से कई स्टूडेंट्स ने मल्टीनेशनल कंपनियों, मेडिकल फील्ड और सरकारी सेवाओं में अपनी जगह बनाई है.

अनीस सर बताते हैं कि बहुत से छात्र जो पहले मदरसों या मस्जिदों में पढ़े थे, अब अंग्रेज़ी सीखकर अपने काम में तरक्की कर चुके हैं. वे मानते हैं कि आज के दौर में अंग्रेज़ी सीखना बेहद ज़रूरी हो गया है, क्योंकि हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में 40% शब्द अंग्रेज़ी के हो गए हैं.

अनीस सर के कोचिंग सेंटर की एक खास बात यह है कि यहां दीनी माहौल को भी महत्व दिया जाता है. अनीस सर कहते हैं,

"हम चाहते हैं कि बच्चे दीन और दुनिया दोनों में संतुलन बनाए रखें. एक हाफिज़ या आलिमा जब इंग्लिश सीखता है, तो वह समाज में और बेहतर तरीके से योगदान दे सकता है."

छात्रों की सफलता की कहानी

कई छात्रों ने अनीस सर की क्लास से लाभ उठाया है और अब वे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. जयपुर के मोहम्मद आजम कहते हैं, "मैं आज लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम कर रहा हूँ, और इसकी शुरुआत अनीस सर की क्लास से हुई."

वहीं मोहम्मद उमर ने कहा कि उन्हें राजस्थान पुलिस में चयन होने का आत्मविश्वास वहीं से आया. फरहा नाज़ का कहना है कि "जयपुर राजघराने के द पैलेस स्कूल में पढ़ाने का सपना, अनीस सर की क्लास से साकार हुआ."

17 सालों का अनुभव, एक जुनून

अनीस सर अब जयपुर के शास्त्री नगर और करबला क्षेत्रों में नए सेंटर खोलने की योजना बना रहे हैं, और इसके साथ ही आरएएस, आईएएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी शुरू करने का विचार है.

अनीस सर का सफर दिखाता है कि अगर इरादे नेक हों और समाज को सशक्त बनाने का मकसद हो, तो अकेला इंसान भी एक क्रांति की शुरुआत कर सकता है.

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अनीस सर की कोचिंग की शुरुआत 2006 में हुई थी, जब उन्होंने खुद इंग्लिश सीखना शुरू किया था.उनके गुरु इमरान खान सर ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया। अनीस सर बताते हैं, "तब मेरा मकसद सिर्फ अपनी इंग्लिश सुधारना था, लेकिन अब यह मेरी जिंदगी का मिशन बन गया है."

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सुविधा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

जो लोग कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बेहद आसान है. छात्रों से केवल आधार कार्ड, एक फोटो और ₹300 की रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है, जिसमें एक किताब भी दी जाती है, जिसे अनीस सर ने खुद लिखा है.

अनीस सर की फ्री इंग्लिश क्लासेस आज जयपुर में एक मिसाल बन चुकी हैं, और यह साबित करती हैं कि एक इंसान की छोटी सी पहल भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है.