आवाज-द वॉयस / वाराणसी
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश देने वाले जज को जान से मारने की धमकी मिली है. उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल कर धमकी दी गई थी. जज का कहना है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से लगातार धमकियां दी जा रही हैं. इससे पहले भी उन्हें धमकियां मिली थीं, जिसके चलते उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने वाले जज रवि दिवाकर फिलहाल बरेली में तैनात हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का आदेश दिया था. हालांकि, कुछ दिन पहले उनका सुरक्षा कवर घटाकर एक्स कैटेगरी कर दिया गया था. कोर्ट के आदेश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जज रवि दिवाकर और उनके परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी थी. इसके बाद उनकी सुरक्षा कम कर दी गई. फिलहाल उनके पास दो सुरक्षाकर्मी हैं. उनका कहना है कि यह सुरक्षा अपर्याप्त है, क्योंकि दोनों कर्मियों के पास आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों से लड़ने के लिए स्वचालित बंदूकें और हथियार नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस दिवाकर ने इसी हफ्ते एसएसपी सुशील चंद्र भंगले को पत्र लिखकर बताया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है.
2018 के बरेली दंगा मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश रवि दिवाकर ने कथित मास्टरमाइंड के रूप में वरिष्ठ विद्वान तौकीर रजा पर मुकदमा चलाने की मांग की। इसके बाद 2022 में वाराणसी के ज्ञान वापी कॉम्प्लेक्स का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का आदेश दिया गया. दिवाकर ने कहा कि इस सिविल केस को असाधारण केस बनाकर डर का माहौल बनाया गया. डर इतना है कि मेरे परिवार को हमेशा मेरी सुरक्षा की चिंता रहती है और मुझे उनकी सुरक्षा की.
जस्टिस दिवाकर ने कहा कि जब मैं घर से बाहर होता हूं, तो मेरी पत्नी मुझसे बार-बार पूछती है. पिछले साल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक सदस्य को लखनऊ में दिवाकर के घर के पास से गिरफ्तार किया गया था. धमकी मामले को लेकर जज रवि दिवाकर ने बरेली के एसएसपी को पत्र लिखा है.
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