डोडा (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत आप विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ गए हैं। डोडा और आसपास के इलाकों में गुरुवार को तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं और 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, मलिक को सोमवार को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें कठुआ ज़िला जेल भेज दिया गया। मलिक ने 2024 के विधानसभा चुनाव में डोडा सीट से 4,500 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।
इसी मुद्दे पर गुरुवार को श्रीनगर के सर्किट हाउस में उस समय तनाव बढ़ गया, जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह से मिलने से रोक दिया गया। पुलिस ने संजय सिंह को वहीं हिरासत में ले लिया ताकि वे विरोध न कर सकें।
बुधवार शाम, डोडा में हालात सामान्य करने और शांति बहाल करने के लिए डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के डीआईजी श्रीधर पाटिल की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। पाटिल ने चेनाब घाटी के निवासियों को भरोसा दिलाया कि स्थिति लगभग नियंत्रण में है और जल्द ही सामान्य माहौल बहाल किया जाएगा।
डोडा ज़िले में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन निषेधाज्ञा लागू रही। एहतियातन मोबाइल इंटरनेट और वाई-फाई सेवाएँ भी निलंबित रखी गईं। प्रशासन ने सोमवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू कर दी थी, जिसके तहत बिना अनुमति किसी भी तरह की आवाजाही पर रोक है।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए डोडा, भद्रवाह, गंडोह और थाथरी में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए सरकारी कार्यालयों के पास कांटेदार तार लगाए गए हैं। पुलिस वाहन लगातार गश्त कर रहे हैं और लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।
श्रीनगर में हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान अब्दुल्ला और सिंह को गेट के दोनों ओर रोक दिया गया। इसे अब्दुल्ला ने संवैधानिक मूल्यों पर हमला बताया।
वहीं, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने डोडा की स्थिति को "बेहद चिंताजनक" करार देते हुए प्रशासन के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मलिक की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुए हालात से निपटने का तरीका असंवेदनशील है।