नई दिल्ली
संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्री और दुबई के क्राउन प्रिंस, एच.एच. शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने गुरुवार को भारत के प्रख्यात बिज़नेस स्कूल, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIMA) के पहले अंतरराष्ट्रीय कैंपस का दुबई में उद्घाटन किया, जैसा कि शिक्षा मंत्रालय ने बताया।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और यूएई के कार्यवाहक उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री डॉ. अब्दुलरहमान अब्दुलमन्नान अल अवार भी उपस्थित रहे।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि IIM अहमदाबाद का दुबई कैंपस HH शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा उद्घाटित होना गर्व की बात है। यह भारत की शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है। उन्होंने कहा कि IIM अहमदाबाद का दुबई कैंपस भारत की श्रेष्ठता को विश्व स्तर पर ले जाएगा। दुबई ने इस अंतरराष्ट्रीय कैंपस के माध्यम से 'भारतीय भावना, वैश्विक दृष्टिकोण' की उत्कृष्ट परंपरा को बढ़ावा दिया है।
इस दौरान प्रधान ने डॉ. अब्दुलरहमान अल अवार से भी मुलाकात की और दोनों पक्षों ने उच्च शिक्षा में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। उन्होंने ज्ञान, नवाचार और अनुसंधान को सामरिक साझेदारी का प्रमुख हिस्सा बनाने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त शोध, क्षमता निर्माण और सांस्कृतिक एवं अकादमिक आदान-प्रदान बढ़ाने पर चर्चा की।
प्रधान ने कहा कि भारत प्रतिभा का वैश्विक केंद्र है और यूएई आर्थिक गतिविधियों का हॉटस्पॉट। दोनों देश लोगों के बीच संपर्क और लंबे समय से स्थापित मजबूत संबंधों को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इसके अलावा प्रधान ने दुबई में मणिपाल विश्वविद्यालय के कैंपस का दौरा किया और भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों के साथ गोलमेज़ चर्चा की। उन्होंने अनुसंधान को केवल प्रकाशनों तक सीमित न रखते हुए उत्पाद और बाज़ार तक ले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधान ने यूएई में 109 भारतीय पाठ्यक्रम स्कूलों के प्रधानाचार्यों से भी बातचीत की और इस अवसर पर GCC देशों में 12 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की घोषणा की, ताकि छात्रों में STEM परियोजनाओं के माध्यम से वैज्ञानिक जिज्ञासा और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके।
समारोह के अंत में प्रधान ने भारतीय कांसुलेट में UAE के राष्ट्रीय पेड़ 'घाफ' का पौधा रोपित किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "एक पेड़ माँ के नाम 2.0" अभियान के तहत किया गया। उन्होंने कहा कि यह पौधा भारत-यूएई मित्रता का स्थायी प्रतीक बनेगा।
प्रधान ने कहा कि यह दौरा भारत और यूएई के बीच लंबे समय से चलती मित्रता को और मजबूत करता है, जो पारस्परिक सम्मान, साझा आकांक्षाओं और भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की दृष्टि पर आधारित है।