नई दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर चित्रकार एम.एफ. हुसैन की कथित आपत्तिजनक पेंटिंग्स से जुड़े एक मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर ट्रायल कोर्ट और सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर संशोधन याचिका को खारिज कर दिया।
सेशन कोर्ट ने पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें आर्ट गैलरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया गया था। इसी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में संशोधन याचिका दायर की गई थी, जिसे न्यायमूर्ति अमित महाजन ने 10 सितंबर को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति महाजन ने कहा, “मुझे 19.08.2025 को सीखे गए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश में कोई खामी नहीं दिखाई देती, और इसमें हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।”
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमिता सचदेवा का तर्क था कि इन कथित आपत्तिजनक पेंटिंग्स के प्रदर्शन से सनातन समुदाय की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं और इसलिए एफआईआर दर्ज होना अनिवार्य है। लेकिन हाईकोर्ट ने इसे “बिना आधार” करार दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट पहले से ही इस मामले की सुनवाई कर रहा है और यह जाँच करेगा कि आरोपित अपराध की आवश्यक धाराएँ लागू होती हैं या नहीं। “अगर ट्रायल के दौरान याचिकाकर्ता अपने आरोपों को साबित करने में सफल होते हैं, तो कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी,” न्यायमूर्ति महाजन ने आदेश में कहा।
इससे पहले 19 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने भी मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को सही ठहराया था और अधिवक्ता अमिता सचदेवा की संशोधन याचिका को खारिज कर दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरव प्रताप सिंह लल्लर ने कहा था कि “क्रिमिनल रिवीजन याचिका खारिज की जाती है। मजिस्ट्रेट कोर्ट में कार्यवाही कानून के अनुसार जारी रहेगी।”
एएसजे लल्लर ने अपने फैसले में कहा था कि इस स्तर पर पुलिस जांच की आवश्यकता नहीं है क्योंकि साक्ष्य पहले से उपलब्ध हैं और कानून में आगे की जाँच के लिए पर्याप्त प्रावधान मौजूद हैं।