जम्मू-कश्मीर: अब क्रेशरों और हॉटमिक्स प्लांट के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 24-02-2021
स्टोन क्रेशर
स्टोन क्रेशर

 

 

जम्मू. व्यापार के अनुकूल माहौल बनाकर ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्टोन क्रेशर एवं हॉट एंड वेट मिक्सिंग प्लांट्स विनियमन नियम, 2021को अधिसूचित किया, जिसने लाईसेंस की आवश्यकता को दूर कर दिया है.

इस निर्णय से स्टोन क्रशर, हॉट एंड वेट मिक्सिंग प्लांट्स की स्थापना और कामकाज में सुविधा होगी और निर्माण क्षेत्र में आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा. इससे जम्मू और कश्मीर में विभिन्न मेगा-परियोजनाओं को पूरा करने में भी तेजी आएगी.

नए नियम के अनुसार स्टोन क्रशर, हॉट एंड वेट मिक्सिंग प्लांट्स को खनिज-आधारित (कच्चे माल) प्रसंस्करण इकाई के रूप में चिन्हित होंगे. ये यूनिट्स उनसे अलग होंगी, जो खनिज खनन गतिविधि में शामिल हैं.

यदि कोई स्टोन क्रेशर और हॉट एंड वेट मिक्सिंग प्लांट, मिनरल की खनन गतिविधियों में शामिल होगा, तो यह गतिविधि औद्योगिक खनन इकाइयों पर लागू होने वाले नियमों के दायरे में आएगी.

नियमों के अनुसार यह अनिवार्य कि खनिज प्रसंस्करण इकाइयां, खनन विभाग से पंजीकृत वैध खननकर्ता से ही माइनर मिनरल्स की खरीद करें. खनन विभाग को ऐसी इकाइयों का निरीक्षण करने, कच्चे माल के स्रोत का पता लगाने और अवैध रूप से खनिजों की जब्ती का काम करने के लिए अधिकृत किया गया है.

इसके अलावा, नियमावली में यह भी सरलीकरण किया गया है कि अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कन्सेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) और जमीन के टाइटल और उसके इस्तेमाल के संबंध में संबंधित जिला उपायुक्त से एनओसी प्राप्त करने के इन दो प्रमाणपत्रों को भी कम किया गया है. जिला-स्तरीय एनओसी जारी करने की प्रक्रिया जम्मू-कश्मीर लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011के तहत लाई गई है, जिससे 30दिनों के भीतर दस्तावेज जारी करना अनिवार्य हो गया है.

औद्योगिक इकाइयां विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ उद्योग आधार पंजीकरण के लिए स्वेच्छा से पंजीकरण का विकल्प चुन सकती हैं.

यह निर्णय उद्यमियों को दोहरे पंजीकरण के बोझ को हटाकर बड़ी राहत प्रदान करता है, जिसमें इकाई धारकों को उद्योग और वाणिज्य विभाग के साथ-साथ खनन विभाग के साथ पंजीकरण और लाइसेंस की कठोर प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता था.