Six terrorists killed in two major anti-terror operations in South Kashmir in the last three days
अवंतीपुरा, जम्मू-कश्मीर
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाते हुए दक्षिण कश्मीर में पिछले तीन दिनों में छह आतंकवादियों को मार गिराया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक वी के बिरदी ने कहा, "सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले एक महीने में आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर स्थिति के अनुसार अपनी रणनीति की समीक्षा की और हमारा ध्यान आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केंद्रित रहा."
अधिकारी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में विक्टर फोर्स के मुख्यालय में विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल धनंजय जोशी और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक मितेश जैन के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जिस दौरान उन्होंने यह बात कही.
बिरदी ने कहा कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय और बढ़ी हुई सतर्कता के कारण दो सफल अभियान चलाए गए, जिनमें छह आतंकवादी मारे गए.
उन्होंने आतंकवादियों के खात्मे को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया.
आईजीपी ने कहा, ‘‘यह सफल अभियान सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय एवं सहयोग के कारण संभव हो पाए. हम कश्मीर में किसी भी आतंकवादी गतिविधि को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम हमेशा ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए तैयार हैं."
मंगलवार और बृहस्पतिवार को क्रमश: शोपियां के केल्लर इलाके और पुलवामा के त्राल के नादर इलाके में मुठभेड़ हुई. दोनों अभियानों में तीन-तीन आतंकवादी मारे गए.
विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जोशी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने कई क्षेत्रों को प्राथमिकता वाले क्षेत्र (फोकस एरिया) के रूप में चिन्हित किया.
उन्होंने कहा, "हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि बर्फ पिघलने के बाद आतंकवादी ऊंचे इलाकों की ओर चले गए हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, हमारी टीम लगातार ऊंचे इलाकों, पर्वतीय क्षेत्रों और जंगलों में तैनात थीं."
मेजर जोशी ने कहा, "12 मई की रात को सुरक्षा एजेंसियों को शोपियां के केल्लर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी. इसलिए वहां तैनात दल ने अपना स्थान बदल लिया और रणनीतिक रूप से उस इलाके की घेराबंदी की. उन्होंने आतंकियों को चुनौती दी, जिसके जवाब में आतंकियों ने गोलीबारी की. इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए."
त्राल मुठभेड़ के बारे में जीओसी ने कहा कि यह अभियान एक अलग इलाके में हुआ था.
उन्होंने कहा, "हमें जानकारी मिली थी, जिसके बाद हमने गांव को चारों तरफ से घेर लिया था. आतंकवादियों ने अलग-अलग घरों में मोर्चा संभाल लिया और गोलीबारी शुरू कर दी. हमारी सबसे बड़ी चुनौती थी मासूम नागरिकों, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, को सुरक्षित बाहर निकालना. इसके बाद एक-एक कर घरों की व्यवस्थित तरीके से तलाशी ली गई और तीनों आतंकवादियों को अलग-अलग स्थानों पर ढेर किया गया."
मेजर जोशी ने कहा, "दोनों अभियानों की सफलतापूर्वक कार्रवाई यह दर्शाती है कि सुरक्षा बल आतंकवादियों को चाहे वे जहां भी छिपे हों, ढूंढ निकालेंगे और उन्हें मार गिराएंगे."
अधिकारी ने बताया कि मारे गए छह आतंकवादियों में से मुख्य आतंकवादी शाहिद कुट्टे था, जो कई बड़े हमलों में शामिल था.
उन्होंने बताया कि शाहिद कुट्टे पिछले साल 18 मई को शोपियां के हीरपुरा में एक सरपंच पर हमला करने और पिछले साल आठ अप्रैल को डेनिश रिजॉर्ट में गोलीबारी की घटना में शामिल था. इस घटना में दो जर्मन पर्यटक और एक चालक घायल हो गया था.
उन्होंने कहा, "कुट्टे धन जुटाने और अन्य गतिविधियों में भी शामिल था."
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिरीक्षक मितेश जैन ने कहा कि इन अभियानों की सफलता स्थानीय जनता के समर्थन और सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थी.
जैन ने कहा, "लोगों के समर्थन के बिना आतंकवाद का सफाया करना न केवल कठिन है, बल्कि असंभव भी है. सफल अभियान इस बात का प्रमाण है कि यहां के लोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का खात्मा चाहते हैं."
इस बीच, सेना की उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने आतंकवाद विरोधी अभियानों की सफलता के लिए सेना की सराहना की.
उत्तरी कमान ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "उत्तरी कमान के सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने अवंतीपुरा में तीन आतंकवादियों को मार गिराने वाले संयुक्त अभियान में त्वरित और सटीक कार्रवाई के लिए चिनार कोर की सराहना की. भारतीय सेना जम्मू कश्मीर को आतंक मुक्त रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है."