So far, government procurement of 2.86 crore tonnes of wheat, more than last year
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
गेहूं की सरकारी खरीद मौजूदा विपणन सत्र 2025-26 में अब तक 2.86 करोड़ टन हो चुकी है जो पिछले साल के स्तर से अधिक है. सरकार की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की अब तक हुई सरकारी खरीद 2022-23 विपणन सत्र के बाद सबसे अधिक है. इस साल रिकॉर्ड 11.53 करोड़ टन गेहूं के उत्पादन की उम्मीद है. विपणन सत्र 2024-25 में कुल गेहूं खरीद 2.66 करोड़ टन रही थी. अब तक गेहूं की सरकारी खरीद 2025-26 सत्र के लिए निर्धारित 3.12 करोड़ टन के लक्ष्य से पीछे है.
हालांकि गेहूं विपणन सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है, लेकिन खरीद का बड़ा हिस्सा पहले तीन महीनों में ही होता है. सरकारी स्वामित्व वाला भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और अन्य एजेंसियां केंद्रीय पूल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करती हैं.
एफसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं खरीद करने वाले पांच प्रमुख राज्यों- पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने पिछले साल की तुलना में चालू सत्र में अधिक गेहूं खरीदा है.
पंजाब ने 16 मई तक 1.15 करोड़ टन, मध्य प्रदेश ने 74 लाख टन, हरियाणा ने 70.1 लाख टन और राजस्थान ने 16.4 लाख टन गेहूं खरीदा है.
आंकड़ों से पता चलता है कि गेहूं खरीद पर करीब 22.7 लाख किसानों को करीब 62,346.23 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान किया गया है.
मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है, जबकि पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में आंशिक कटाई बाकी है.