अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर)
जम्मू-कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना इत्तो ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुफ्ती सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाकर छात्रों के करियर से खिलवाड़ कर रही हैं, जिसके तहत फला-ए-आम ट्रस्ट (FAT) द्वारा संचालित स्कूलों का प्रबंधन सरकार अपने हाथ में ले रही है।
इत्तो ने एएनआई से बातचीत में कहा, “जनता में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार ने FAT स्कूलों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुझे शर्म आती है उन लोगों पर जो खुद को शिक्षित कहते हैं। 2019 के बाद इन स्कूलों की हालत देखें—न रजिस्ट्रेशन है, न प्रबंधन समिति। तब यही लोग सरकार में थे और सबकुछ जानते थे। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ मत करो।”
शनिवार को पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने 215 FAT और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से जुड़े स्कूलों के प्रबंधन पर सरकारी कब्जे के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह कदम अब क्यों उठाया गया, जबकि पिछले आठ साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “जब एक लोकप्रिय सरकार चुनी गई है, तभी क्यों यह कदम उठाया जा रहा है? यह जनता और शिक्षा व्यवस्था की भावनाओं के साथ खेलना है।”
सरकारी आदेश के मुताबिक, इन 215 स्कूलों की प्रबंधन समिति की वैधता समाप्त हो चुकी थी और खुफिया एजेंसियों ने इसके बारे में नकारात्मक रिपोर्ट दी थी। इसी कारण जिला मजिस्ट्रेट/उपायुक्त को स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने और सत्यापन के बाद नई समिति बनाने का अधिकार दिया गया है।
सरकार का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक भविष्य की रक्षा करना है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाए।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) नेता और विधायक रियाज अहमद खान ने कहा कि आदेश और सरकार की नीयत में फर्क दिखाई देता है। उन्होंने कहा, “शिक्षा मंत्री सकीना इत्तो ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया था कि सत्यापन तक नजदीकी स्कूलों के प्रिंसिपल इन स्कूलों का प्रबंधन करेंगे। लेकिन सरकार का आधिकारिक आदेश अलग है। सरकार इस मामले पर गौर कर रही है।”