उत्तरकाशी (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी जिले के धराली, हर्षिल और मुखबा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने राहत और सुरक्षा कार्यों की स्थिति का भी जायज़ा लिया।
सोमवार को मुखबा में राज्यपाल ने जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा प्रबंधन, राहत और सुरक्षा अभियानों की प्रगति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल ने धराली-हर्षिल से आए प्रभावित परिवारों से भेंट कर उन्हें हरसंभव सहयोग और सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार और प्रशासन मजबूती से उनके साथ खड़ा है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और सामान्य जीवन में शीघ्र वापसी के लिए दीर्घकालिक कार्ययोजना तैयार की जाए।
राज्यपाल ने जिला प्रशासन, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और तत्परता से राहत व बचाव कार्यों को गति मिली है।
विशेष रूप से उन्होंने 14 राजपूताना रेजीमेंट के जवानों की प्रशंसा की, जो स्वयं आपदा से प्रभावित होने के बावजूद राहत और बचाव अभियानों में सक्रिय रूप से जुटे रहे। उन्होंने इसे मानवता की सच्ची सेवा और कर्तव्यनिष्ठा का प्रेरणादायक उदाहरण बताया।
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के थराली क्षेत्र में चल रहे राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा की। आपदा 22-23 अगस्त की रात घटी थी।
देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) से धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि थराली, सैजी (पौड़ी) और धराली में हाल की आपदाओं के पैटर्न का अध्ययन करने हेतु विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की समिति गठित की जाए।
मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹5 लाख की सहायता राशि और मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख प्रति परिवार तुरंत जारी किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि स्याणाचट्टी में बनी अस्थायी झील से पानी निकालने की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए।