राज्य का दर्जा बहाली बिना समयसीमा के खिंच रहा है: सीएम उमर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 26-08-2025
Statehood restoration process dragging on without any timeline: CM Omar
Statehood restoration process dragging on without any timeline: CM Omar

 

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य का दर्जा बहाली का मुद्दा लगातार खिंच रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई निश्चित समयसीमा तय नहीं की है।

शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम उमर ने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका किसने दायर की थी।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया और अगली सुनवाई की तारीख 10 अक्टूबर तय की।

उमर अब्दुल्ला ने कहा,“हम नहीं चाहते कि यह फैसला और टलता रहे। हमारी सरकार बने 10 महीने से अधिक हो गए हैं और पहले दिन से ही हम राज्य का दर्जा बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरी पहली कैबिनेट बैठक में हमने इसी के लिए प्रस्ताव पारित किया था और प्रधानमंत्री से पहली मुलाकात में मैंने उन्हें यह प्रस्ताव सौंपा था।”

सीएम ने कहा कि जनता लंबे समय से इस फैसले की प्रतीक्षा कर रही है लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं मिला।“सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनावों पर तो समयसीमा तय की थी, तभी आज मैं बतौर मुख्यमंत्री आपके सामने हूं। लेकिन राज्य का दर्जा बहाली पर समयसीमा तय नहीं की गई, इसी वजह से मामला खिंचता जा रहा है। हमें उम्मीद है कि 10 अक्टूबर के बाद इस पर कोई ठोस समयसीमा तय होगी।”

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती द्वारा कैदियों की रिहाई को लेकर किए जा रहे विरोध पर सीएम उमर ने कहा कि यह मुद्दा दिल्ली के गृहमंत्रालय से जुड़ा हुआ है और वहीं उठाया जाना चाहिए।

“श्रीनगर में इस पर कुछ नहीं हो सकता। हमने भी यही मुद्दा दिल्ली में उठाया था। अगर सिर्फ दिखावे के लिए विरोध करना है तो वे यहां भी कर सकते हैं, हमें कोई आपत्ति नहीं है।”

राज्य का दर्जा बहाली के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के हस्ताक्षर अभियान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान जारी है और इसे पूरा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के सामने पेश किया जाएगा।

सोशल वेलफेयर विभाग की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं की कमी नहीं है, कमी है तो सिर्फ जानकारी की।“लोगों को पूरी जानकारी होनी चाहिए कि वे कैसे इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। पहले लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब ज्यादातर योजनाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। विभाग को चाहिए कि वह हर हिस्से में इसकी जानकारी फैलाए।”