श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य की बदलती परिस्थितियों और सेना की ऑपरेशनल तत्परता का प्रत्यक्ष मूल्यांकन करने के उद्देश्य से भारतीय सेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को श्रीनगर का दौरा किया. यह दौरा न केवल कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिहाज़ से महत्वपूर्ण है, बल्कि सेना की रणनीतिक तैयारियों का भी संकेत देता है.
चिनार कोर कमांडर ने दिया विस्तृत ऑपरेशनल ब्रीफिंग
सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, श्रीनगर यात्रा के दौरान जनरल द्विवेदी को चिनार कोर के कमांडर द्वारा एक व्यापक ब्रीफिंग दी गई. इस ब्रीफिंग में घाटी में चल रहे ऑपरेशनों, हालिया घटनाक्रमों, और स्थानीय सुरक्षा चुनौतियों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया.
सेना प्रमुख ने श्रीनगर में फॉर्मेशन कमांडर्स के साथ भी चर्चा की, जिसमें आतंकवाद, सीमा पार घुसपैठ, स्थानीय सुरक्षा सहयोग, और हाईब्रिड थ्रेट्स जैसे कई समसामयिक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श हुआ.
सेना की तत्परता और रणनीतिक लचीलापन बरकरार
सेना का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब घाटी में घुसपैठ की घटनाओं में कमी, लेकिन हाइब्रिड आतंकी नेटवर्क की बढ़ती गतिविधियों को लेकर खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं. जनरल द्विवेदी ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए यूनिट्स की तैयारियों का आकलन किया और हाई ऑपरेशनल स्टैंडर्ड बनाए रखने के लिए कमांडर्स की प्रशंसा की.
बयान में कहा गया:"भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की बदलती गतिशीलता के प्रति सतर्क और उत्तरदायी बनी हुई है. नेतृत्व नियमित रूप से परिचालन इकाइयों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके."
आधुनिक युद्ध की चुनौतियों पर भी फोकस
इस दौरे से एक सप्ताह पहले, सेना प्रमुख ने डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन में आयोजित 80वें स्टाफ कोर्स के दौरान अधिकारियों को संबोधित किया था. अपने भाषण में उन्होंने आधुनिक युद्ध के स्वरूप, रणनीतिक खतरों, और सशस्त्र बलों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कहा:"आज के युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता, त्वरित अनुकूलन और संयुक्त रणनीतिक योजना से लड़े जाते हैं।"सेना प्रमुख ने अधिकारियों से उभरते सुरक्षा खतरों के प्रति सक्रिय रहने, और मिलिट्री प्लानिंग में नवाचार को अपनाने का आह्वान किया.
डीप पर्पल डिवीजन – एकीकृत युद्ध प्रशिक्षण की दिशा में नया कदम
जनरल द्विवेदी को DSSC के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने 'डीप पर्पल डिवीजन' की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. यह डिवीजन तीनों सेनाओं के समन्वय के साथ संयुक्त युद्ध प्रशिक्षण का हिस्सा है, जिसमें इस बार 40 अधिकारियों ने भाग लिया. यह भारत के भविष्य के युद्ध दृष्टिकोण में संयुक्तता (Jointness) और इंटीग्रेशन की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है.